यह भी पढ़ेंः अयोध्या पर फैसला आने से पहले प्रदेश में लागू होगा मेरठ मॉडल, जानिए क्यों, देखें वीडियो मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश के पूरे आसार बने हुए हैं, लेकिन अगर प्रदूषण ऐसे ही बना रहा तो यह बारिश की स्थिति को कमजोर कर देगा। तापमान में निरंतर गिरावट हो रही है। हवा की रफ्तार धीमी होने के कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर जबरदस्त तरीके से बढ़ गया है। ऐसे में अगर बारिश नहीं होती है तो हवा और जहरीली हो जाएगी। यह आबोहवा बच्चों और बुजुर्गों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रही है। घातक वायु प्रदूषण की मार के बीच मौसम ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को दिनभर सूर्यदेव के दर्शन तो नहीं हुए। जबकि बुधवार को सुबह से ही धुंध छाई हुई है। आज भी सूर्य के दर्शन होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन आद्र्रता का अधिकतम स्तर 94 फीसदी रहा जबकि न्यूनतम 75।
यह भी पढ़ेंः छेड़छाड़ करने पर दो बहनों ने मनचलों को धुना, पुलिस नहीं पहुंची तो खुद पकड़कर ले गई थाने आमतौर पर आद्र्रता का स्तर 90 पार करते ही बारिश की प्रबल संभावना बन जाती है, लेकिन यह मौसम में बदलाव नहीं, बल्कि प्रदूषण के कारण हुआ है। जिस कारण अभी तक पानी नहीं बरसा है। जबकि मौसम वैज्ञानिकों ने मंगलवार और बुधवार को बारिश की संभावना जताई थी। बदले हालातों के चलते अब मौसम वैज्ञानिक आरए सेंगर का कहना है कि प्रदूषण के कारण बारिश की संभावना अब क्षीण हो रही है। हालांकि अभी बारिश की कुछ हद तक संभावना बनी हुई है। आगामी 31 नवंबर तक मौसम के यूं ही बने रहने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार सुबह का अधिकतम तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया जो कि सामान्य से चार डिग्री कम रहा जबकि न्यूनतम पारा 17 तक लुढ़का। पूर्वानुमान के अनुसार पूरे सप्ताहभर में यह 17 और 18 के बीच ही बना रहेगा।