यह भी पढ़ेंः मोबाइल पर रात को आए फोन आैर कोर्इ लड़की आपसे पूछे एेसे सवाल तो समझिए ये दुश्मन देश की कोर्इ चाल है! भाजपाइयों ने तब किया था हंगामा इस मामले में भाजपाइयों ने हंगामा भी किया था, लेकिन एसएसपी अखिलेश कुमार ने भाजपाइयों की एक नहीं सुनी और कार्रवाई करते हुए भाजपा पार्षद को जेल भेज दिया था। मामले की गूंज लखनऊ तक सुनाई दी थी। जिस पर उपमुख्यमंत्री से लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष तक ने मामले को संज्ञान लिया था, लेकिन प्रभारी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के दौरे को देखते हुए मामले को टाल दिया गया था। अपने दौरे के दौरान प्रभारी मंत्री ने एसएसपी अखिलेश कुमार से बात की थी। भाजपा पार्षद मुनीश चैधरी के हाईवे स्थित ब्लैक पेपर रेस्टोरेंट के प्रबंधक संदीप धामा ने कंकरखेड़ा थाने में तहरीर देते हुए बताया था 19 अक्टूबर की रात दारोगा सुखपाल और महिला अधिवक्ता उनके यहां खाना खाने आए थे। खाना खाने के दौरान दारोगा ने कमरे की व्यवस्था करने के लिए कहा। आरोप है कि कमरा नहीं होने की बात कही तो दोनों भड़क गए और प्रबंधक के साथ गाली-गलौच करने लगे। महिला ने तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी।
यह भी पढ़ेंः दिन में पति की लंबी उम्र के लिए रखा था व्रत, शाम को उससे लिया आशीर्वाद आैर रात को कर दिया ये काम पार्षद के दरोगा पर ये आरोप आरोप है कि पार्षद मुनीश पहुंचा तो दारोगा ने उन्हें भी गाली-गलौच की। सरकारी पिस्टल निकालकर जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि महिला अधिवक्ता ने नशे की हालत में सरकारी पिस्टल को दारोगा से लेकर पार्षद की ओर कर टिगर दबा दिया, लेकिन गोली नहीं चली। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि दारोगा व महिला के खिलाफ धारा 307 (जानलेवा हमला करना), 323 (मारपीट करना), 504 (रेस्टोरेंट में घुसकर मारपीट करना), 506 (जान से मारने की धमकी देना) में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताते चलें कि दारोगा लाइन हाजिर कर दिया गया था और महिला अधिवक्ता की मेरठ बार एसोसिएशन ने सदस्यता समाप्त कर दी थी।