यह भी पढ़ेंः Lockdown: मेरठ में स्कूल-कालेज 15 अप्रैल तक बंद बता दें कि प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों में सड़कें सूनी हैं और बाजार पूरी तरह बंद हैं। जो लोग लॉकडाउन का नजारा देखने के लिए बाहर निकले हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्हें पुलिस समझा-बुझाकर वापस भेज रही है। इस दौरान आवश्यक सेवाओं जैसे-पेट्रोल पंप और चिकित्सा सेवाएं खुली हैं। मंगलवार को सुबह से ही मेरठ की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। दूध की आपूर्ति वैसे तो हुई थी, लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद से लोगों ने आम दिनों के मुकाबले ज्यादा दूध खरीदा। इसके चलते कई जगह दूध जल्दी खत्म हो गया। मेरठ के सभी प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल भी बंद हैं।जो इक्का-दुक्का श्रद्धालु पहुंचे, उन्हें बाहर से ही दर्शन करने पड़े।
यह भी पढ़ेंः Coronavirus: भारतीय एथलीट शिल्पा पुंडीर ने अमेरिका से किया देशवासियों को आगाह, कहा-बिल्कुल लापरवाही न बरतें महानगर के सभी क्षेत्रों और बाहरी इलाकों में भी लॉकडाउन का असर पूरी तरह नजर आ रहा है। यहां व्यापारियों ने जनता कफ्र्यू के बाद से ही दुकानें बंद कर रखी थी। जिन लोगों ने दुकानें खोली उनको समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया। बताया गया कि अब सरकार ने लॉक डाउन की तिथि 27 मार्च तक कर दी है। वहीं सूत्रों की मानें तो अब 31 मार्च तक प्रदेश में ऐसे ही हालत रहने वाले हैं। दिल्ली नेशनल हाइवे पर टोल प्लाजा पर रोजाना टोल से करीब 80 हजार वाहन निकलते हैं, लेकिन जनता कफ्र्यू के कारण वाहनों में 90 प्रतिशत तक की कमी आ गई। लोग घरों से बाहर नहीं निकले।
यह भी पढ़ेंः Lockdown: Meerut: सुबह के समय सब्जी मंडी दिखा ऐसा नजारा, भावों में भी आया उछाल आमजन भी अपने सोशल साइट्स, वॉट्सअप डीपी व स्टेटस, फेसबुक स्टोरी, ट्विटर पर जनता कफ्र्यू को सफल बनाने की अपील करते रहे। रेलवे स्टेशन पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। महानगर के अधिकांश कालेजों के हॉस्टल खाली हो गए है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने फिलहाल 27 मार्च तक लॉकडाउन कर का फैसला लिया है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय, मॉल, सिनेमा हॉल, होटल, दुकानें, फैक्ट्री और अन्य प्रतिष्ठान अब 27 मार्च तक बंद रहेंगे।