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किसानों के आन्दोलन पर भड़के पीएम मोदी, विरोधियों पर लगाया अन्नदाताओं को भड़काने का आरोप

बागपत से पीएम मोदी लाइव

मेरठMay 27, 2018 / 01:55 pm

Iftekhar

LIVE:किसानों के आन्दोलन पर भड़के पीएम मोदी, विरोधियों पर लगाया अन्नदाताओं को भड़काने का आरोप

बागपत. इस्टर्न पेरिफेरल का उद्घाटन करने बागपत पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को साधते हुए कहा कि किसानों को कुछ लोग राजनातिक स्वार्थ के लिए गुमराह कर रहे हैं। आपको ऐसे लोगों से सावधान रहना है। इसके अलावा पीएम ने किसान बीमा योजना और एमएसपी का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों को इनकी लागत का ढेर गुणा दाम देने पर सरकार काम कर रही है। खेत से निकलकर बाजार तक पहुंचने से पहले किसानों की उपज बर्बाद न हो, इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए के निवेश वाली प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना पर काम किया जा रहा है। ये योजना पश्चिम यूपी के आलू पैदा करने वाले किसानों की भी मदद करेगी।
 

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इसके अलावा यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग, प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में विस्तार से भी किसान को लाभ पहुंचा है। किसान को लागत का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य भी हमारी सरकार ने सुनिश्चित करना तय किया है।
हमारी सरकार ग्रामोदय से भारत उदय की अवधारणा पर काम कर रही है। जब हम ग्रामोदय की बात करते हैं तो उसका केंद्र बिंदु मेरे देश का अन्नदाता, मेरा किसान है। इस वर्ष बजट में गांव और खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 14 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मैं तो सुन रहा हूं कि अब किसानों के बीच भी एक झूठ फैलाया जा रहा है कि जो किसान खेत ठेके पर या बंटाई पर देगा, उससे 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा। मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि ऐसी किसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें, बल्कि जो अफवाह फैलाए, उसकी प्रशासन से शिकायत भी करें।
ये तक नहीं सोचते कि उनके झूठ की वजह से देश में किस तरह की अस्थिरता पैदा हो सकती है। चाहे दलितों पर अत्याचार से जुड़े कानून की बात हो या फिर आरक्षण की बात, झूठ बोलकर, अफवाह फैलाकर ये लोगों को भ्रमित करने की साजिश करते रहे हैं।
आज देश के लोग देख रहे हैं कि अपने सियासी फायदे के लिए ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी खुलेआम झूठ बोल जाते हैं।

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जब हमारी सरकार गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देती है, तो भी ये उसका मजाक उड़ाते हैं। जब गरीब के लिए बैंक खाते खुलते हैं, तब भी इन्हें मजाक लगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में सत्ता देखने के आदी ये लोग गरीब के लिए किए जा रहे हर काम को मजाक समझते हैं।
इन्हें देश का विकास भी मजाक लगता है। उन्हें स्वच्छ भारत के लिए किया गया काम मजाक लगता है, उन्हें गरीब महिला के लिए बनाया गया शौचालय मजाक लगता है।

सच्चाई ये है कि गरीबों के लिए, दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के लिए जो भी कार्य किया जाता है, कांग्रेस और उसके साथ चलने वाले दल या तो उसमें रोड़े अटकाने लगते हैं, या उसका मजाक उड़ाते हैं।
सरकार ने पिछड़ी जातियों के सब-कैटेगराइजेश के लिए कमीशन के गठन का निर्णय भी किया है। सरकार चाहती है कि OBC समुदाय में जो अति पिछड़े हैं, उन्हें सरकार और शिक्षण संस्थाओं में तय सीमा में रहते हुए आरक्षण का और ज्यादा फायदा मिले।
दलितों के अत्याचार से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिए Special Courts का गठन किया जा रहा है।
दलित और पिछड़े भाई-बहनों के लिए अवसरों के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए भी बीते चार वर्षों में कई काम किए गए हैं। दलितों पर अत्याचार के कानून को हमने और कड़ा किया है।
मैं आपको अनुभव के आधार पर कह सकता हूं, कि जिनके मन में स्वार्थ है वो सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाने वाली राजनीति करता है। वो लोकलुभाव राजनीति करता है। लेकिन जो सही मायनों में आपके हित में सोचता है, वो लोकहित की राजनीति करता है।
ये हमारी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है कि हम बाबा साहब आंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित कर रहे हैं


दलितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण और सम्मान के लिए बीते चार वर्षों में एक के बाद एक कई कदम उठाए गए हैं। चाहे वो स्वरोज़गार हो या फिर सामाजिक सुरक्षा, आज अनेक योजनाएं इस दिशा में काम कर रही हैं।

वहीं मुद्रा योजना के तहत जो लगभग 13 करोड़ लोन दिए गए हैं, उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक महिला उद्यमियों को मिले हैं। बीते चार वर्ष में हमने बेटियों को सम्मान दिया और सशक्त बनाया है।
हम महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए भी निरंतर काम कर रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने देश में साढ़े 7 करोड़ शौचालय हो या फिर उज्जवला योजना के तहत दिए गए 4 करोड़ गैस कनेक्शन, इन्होंने महिलाओं के जीवन को आसान बनाने का काम किया है।
बेहतर बिजनेस और कारोबार तब होता है जब सुरक्षा व्यवस्था सही होती है। यहां पश्चिम यूपी में तो आप साक्षात गवाह रहे हैं कि क्या स्थिति थी। लेकिन अब योगी जी के नेतृत्व वाली सरकार में अपराधी खुद सरेंडर कर रहे हैं, कभी भी अपराध ना करने की शपथ लेने लगे हैं।
मेक इन इंडिया के माध्यम से देश में मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका परिणाम ये हुआ कि चार वर्ष पहले तक जहां देश में सिर्फ 2 मोबाइल फोन बनाने वाली फैक्ट्रियां थीं, आज 120 फैक्ट्रियां हैं। इनमें से कई तो यहां NCR में ही हैं जिनसे अनेक युवाओं को रोजगार भी मिला है।
हमारी सरकार की रफ्तार का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कांग्रेस सरकार जहां अपने चार साल में सिर्फ 59 पंचायतें ही ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ पाई , वहीं हमने एक लाख से अधिक पंचायतों को ऑपटिकल फाइबर से जोड़ दिया है।
New India की तमाम नई व्यवस्थाएं देश के युवाओं, मध्यम वर्ग की आशाओं-अपेक्षाओं के आधार पर खड़ी की जा रही हैं।

जहां-जहां ट्रांसपोर्ट की ये सुविधाएं खड़ी की जा रही हैं, वहां-वहां नए उद्योगों के अवसर भी तैयार किए जा रहे हैं। इसी सोच के साथ इस साल बजट में यूपी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण का भी ऐलान किया गया है।
जल्द ही मालवाहक जहाज़ यूपी में बना सामान बड़े-बड़े पोर्ट तक पहुंचाएंगे। गंगा जी की तरह यमुना जी को लेकर भी योजनाएं बनाई जा रही हैं।

देश के जल शक्ति का भी पूरा इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। देश में 100 से ज्यादा नए वॉटरवेज बनाए जा रहे हैं। यहां यूपी में ही गंगा जी में जहाज़ चलने लगे हैं। गंगा जी के माध्यम से यूपी समंदर से जुड़ने वाला है।

सिंगल लाइनों को ब्रॉडगेज में बदलने का काम तीव्र गति से चल रहा है। ट्रेनों की स्पीड बढाई जा रही है। लगभग साढ़े 5 हज़ार मानवरहित क्रॉसिंग को बीते चार वर्षों में हटाया जा चुका है।
हाईवे ही नहीं, रेलवे में अभूतपूर्व काम हो रहा है। जहां रेलवे की कनेक्टिविटी नहीं थी, वहां तेज़ी से रेल नेटवर्क बिछाया जा रहा है।

इस वर्ष के बजट में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 5 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत लगभग 35 हज़ार किलोमीटर हाईवे बनाए जा रहे हैं।
बीते चार वर्षों में 3 लाख करोड़ से अधिक खर्च कर 28 हज़ार किलोमीटर से अधिक के नए हाईवे बनाए चुके हैं। चार वर्ष पहले तक जहां एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे बनाए जा रहे हैं।
इससे सबके लिए बराबरी के अवसर पैदा होते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने हाईवे, रेलवे, एयरवे, वॉटरवे, आईवे और बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक ध्यान दिया है।

सवा सौ करोड़ देशवासियों का जीवन स्तर ऊपर उठाने में देश के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। यही सबका साथ, सबका विकास का रास्ता है, क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर जात-पात, पंथ-संप्रदाय, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब में भेद नहीं करता।
दिल्ली के अंदर आज जितनी गाड़ियां पहुंचती हैं, उसमें से अब लगभग 30 प्रतिशत की कमी आ जाएगी। ना सिर्फ बड़ी गाड़ियां और ट्रक बल्कि 50 हज़ार से अधिक कारों को भी अब दिल्ली शहर के अंदर एंट्री की जरूरत नहीं पड़ेगी, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।
हमारी सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के चारों ओर Expressway का एक घेरा बनाने का बीड़ा उठाया। ये दो चरणों में बनाया जा रहा है। इसमें से एक चरण यानि Eastern Peripheral Express way का भी थोड़ी देर पहले लोकार्पण किया गया है।
दिल्ली-NCR में सिर्फ जाम की ही समस्या नहीं है, प्रदूषण की भी एक बड़ी समस्या है। जो साल दर साल और विकराल रूप लेती जा रही है। प्रदूषण की समस्या का एक कारण दिल्ली में आने-जाने वाली गाड़ियों और लंबे ट्रैफिक जाम हैं।
जिस रफ्तार से ये 9 किलोमीटर सड़क बनी है, उसी रफ्तार से मेरठ तक इस पूरे एक्सप्रेसवे का काम करके, जल्द ही दूसरे चरण को भी जनता के लिए समर्पित किया जाएगा। और जब ये हो जाएगा तो मेरठ से दिल्ली सिर्फ 45 मिनट रह जाएगी।
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आज जब इस नई सड़क पर चलने का अवसर मुझे मिला तो अनुभव किया कि 14 लेन का सफर दिल्ली-NCR के लोगों के जीवन को कितना सुगम बनाने वाला है। कहीं कोई रुकावट नहीं, एक से एक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल, कंक्रीट के साथ हरियाली का भी मेल।
आज बागपत, पश्चिम यूपी और दिल्ली-NCR वालों के लिए बहुत बड़ा दिन है। दो बहुत बड़ी सड़क परियोजनाओं का आज लोकार्पण किया गया है

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