यहां ढाबे पर काम करने वाले युवक ने इन गोताखोरों की सारी हरकत एक-एकर बयान कर दी। युवक का कहना है कि वह करीब 15 साल से यहां नौकरी कर रहा है। लेकिन, जितनी अराजकता चार-पांच साल में बढी है, वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला था। उसका कहना है कि कुछ गोताखोर यहां मेरठ से भी आते हैं और वे गंगनगर में नहा रही महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और गंदी हरकत तक करते हैं। अगर कोई विरोध करता है तो उसके साथ मारपीट करते हैं।
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बहती लाश पर रखते हैं गाड़ी से नजर
युवक ने बताया कि गंगनहर से लाश निकलाने के लिए ये गोताखोर अपने साथ गाड़ी भी रखते हैं। जो लाश तेजी से बहकर आगे चली जाती है उस पर ये लोगअपनी गाड़ी से नहर के किनारे-किनारे देखते जाते हैं। इसके बाद सूनसान जगह पर नहर में कूदकर लाश को नहर के काफी नीचे फंदे से बांध देते हैं। जबतक लाश को लेने वाला उसका वारिस आ जाता है तो उसके बाद ये लोग सौदेबाजी शुरू करते हैं।
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नहर के पास बने ढाबे से संचालित पूरा खेल
ढाबे पर काम करने वाले इस युवक ने पत्रिका को बताया कि गंग नहर के किनारे बने ढाबे से ही गोताखोरों का पूरा खेल संचालित होता है। गोताखोर गिरोह इसी ढाबे पर आकर अपने कपड़े बदलता है और इसी ढाबे के बाहर वे लोग सौदेबाजी करते हैं। युवक के अनुसार ढाबे के पीछे बने आरामघर पर इन गोताखोर गिरोह का कब्जा रहता है, क्योंकि ये लोग वहीं पर आराम करते हैं।
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शाम छह बजे के बाद रूकना खतरे से खाली नहीं
युवक ने पत्रिका से बताया कि इस नहर के घाट पर शाम छह बजे के बाद नहाना या आना खतरे से खाली नहीं है। पुलिस की व्यवस्था न होने के कारण घाट पर इन्हीं गोताखोरों का कब्जा रहता है। ये लोग यहां पर आकर शराब पीने के अलावा भी कई तरह के नशा करते हैं। यानी छह बजे के बाद पूरा घाट इनके कब्जे में होता है।