यह भी पढ़ेंः शाहरूख की ‘जीरो’ में छा गए मेरठ के शराब के ठेके भी, जानिए अनुष्का से इनके बारे में क्या कहा नोटबंदी जैसे दिन इसलिए झेलने पड़ेंगे नोटबंदी में हुई परेशानी के बाद एक बार फिर से आपको कैश की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। कैश की यह किल्लत नए साल में हो सकती है। दरअसल, बीते दिनों एटीएम की संस्था कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक नए नोट के अनुरूप एटीएम को अपग्रेड करने में भारी भरकम खर्च की संभावना व्यक्त की जा रही है। बैंकों ने सरकार से इस खर्च को वहन करने से मना कर दिया है। आरबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि सेवा प्रदाता कंपनियां मार्च 2019 तक देशभर में करीब 1ः13 लाख एटीएम बंद कर सकती है। अगर इतने एटीएम बंद होते हैं तो यकीनन लोगों को फिर से नोटबंदी जैसे माहौल का सामना करना पड़ सकता है। मेरठ जिले की बात करें तो शहर में तकरीबन 300 एटीएम है। इसमें शहरवासियों की 80 फीसदी आबादी एटीएम पर ही निर्भर है। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है, लेकिन लोग आज भी जेब में नोट रखने के लिए एटीएम का ही सहारा लेते हैं। अब ऐसे में अगर एटीएम बंद होते हैं तो यकीनन नोटबंदी जैसे हालात फिर से देखने को मिल सकते हैं।
यह भी पढ़ेंः ‘जीरो’ को लेकर यूपी के इस शहर में सबसे ज्यादा क्रेज, इसकी वजहें जानकर चौंक जाएंगे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में होगी बढ़ोतरी इस बारे में लीड बैंक के अधिकारी नवीन खाती ने बताया कि अगर ऐसा होता है तो फिर से लोगों के बीच डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ेगा। नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा था, लेकिन उसके बाद फिर इसमें कमी आ गई।
चिप वाले मिलेंगे एटीएम लीड बैंक सिंडिकेट के मैनेजर के. दुग्गल के अनुसार एटीएम साफ्टवेयर अपडेट होने के बाद सभी बैंक नए चिप वाले एटीएम देंगे। इसके लिए एटीएम धारकों से कोई रकम नहीं वसूली जाएगी। दिसंबर के बाद से बिना चिप वाले सभी एटीएम ब्लॉक हो जाएंगे। एसबीआई के मैनेजर एसबी शाह ने बताया कि एटीएम को अपडेट करने के लिए ही एटीएम को बंद करने की बात कही जा रही है। चूंकि बैंकों को अपने एटीएम अपडेट करने में भारी-भरकम पूंजी की व्यवस्था करनी होगी। इसलिए अधिकांश बैंक अपने 50 प्रतिशत एटीएम को बंद कर देंगे।