यह भी पढ़ेंः Weather Alert: पश्चिम विक्षोभ के असर से आने वाले दिनों में रिकार्ड घटेगा तापमान, बढ़ेगा कोहरा मायावती सरकार में मिला मकान पवन का कहना है कि कांशीराम आवासीय योजना के तहत उन्हें मायावती सरकार में एक छोटा सा मकान मिल गया था। हालांकि मकान कुल जमा इतना बड़ा ही है कि बस परिवार की जैसे तैसे गुजर बसर हो सके, लेकिन सरकार से मकान मिला तो इसकी खुशी भी है।
यह भी पढ़ेंः UPTET: छोटी सी चूक से प्रवेश नहीं मिला, सैकड़ों अभ्यर्थियों की छूटी परीक्षा जल्लाद कहलवाने में शर्म नहीं पवन के अनुसार उन्हें खुद को जल्लाद कहने या लिखने में कोई शर्म नहीं आती, क्योंकि वे ऐसे लोगों को फांसी पर लटकाने का काम करते हैं जो समाज में जघन्य अपराध करते हैं, लेकिन उनके बच्चे अपने नाम के आगे जल्लाद जैसा शब्द नहीं लगाना चाहते। पवन बताते हैं कि उनका बेटा और बेटी स्नातक कर चुके हैं। आठवीं पास पवन को इस बात की खुशी है कि उनके बच्चे उससे अधिक पढ़ चुके हैं।
यह भी पढ़ेंः VIDEO: शासन की तिहाड़ जेल प्रशासन को अनुमति, चारों दरिंदों को पवन जल्लाद ही लगाएगा फांसी बच्चे नहीं करेंगे यह काम पवन ने बताया कि बेटे ने इस पैतृक काम से तौबा कर ली है। उसने खानदान की विरासत संभालने से मना कर दिया है। वह नौकरी करेगा। पवन के बच्चे अपने दोस्तों में भी यह जाहिर नहीं होने देते कि उनका बाप अपराधियों को फांसी देने का काम करता है। पवन का कहना है कि उसे उस दिन का इंतजार है जब उसके बच्चों की अच्छी नौकरी लग जाएगी और उनके भी दिन अच्छे आएंगे।