यह भी पढ़ें- शबनम के बेटे की गुहार: राष्ट्रपति अंकल प्लीज… मेरी मां को फांसी मत दीजिये, नहीं तो मैं अकेला हो जाऊंगा बकौल पवन पूरा फांसीघर धूल और मकड़ी के जालों से भरा हुआ था। उसे पहले तो साफ करवाया गया। उसके बाद फांसी घर में लीवर और लकड़ी के पटरे को चेक किया, जिस पर शबनम को लटकाया जाना है। पवन ने बताया कि जिस लकड़ी पर शबनम को खड़ा किया जाएगा। वो बिल्कुल सड़ा हुआ था, लिहाजा उसे बदलने के लिए कहा गया है। पवन ने लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने की बात जेल प्रशासन से कही थी।
पवन ने बताया कि जिस रस्से पर शबनम को लटकाया जाएगा, उस रस्से का व्यास एक इंच का होगा और 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। दो रस्से मगाए जाएंगे। एक शबनम के लिए और दूसरा उसके प्रेमी के लिए। दोनों की कीमत 36 सौ रुपये है। उसने बताया कि काेर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसीघर में एक ट्रायल कराया जाएगा। शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदा पर लटका दिया जाएगा। देश में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को होगी फांसी।
मथुरा जेल का वर्ष 1866 में जेल का निर्माण कराया गया था। तभी यह फांसीघर बनाया गया। यह फांसीघर केवल महिला को ही फांसी देने के लिए बना हुआ है। आजादी के बाद से लेकर आज तक इस फांसीघर में किसी महिला को नहीं लटकाया गया है।