विवि में पीएचडी प्रवेश संबंधी आर्डिनेंस तैयार करने के लिए 19 फरवरी तक का समय है। इसके बाद 21 फरवरी को कार्यपरिषद की बैठक में आर्डिनेंस को अनुमोदित कर अंतिम स्वीकृति के लिए राजभवन को भेजा जाएगा। पार्ट टाइम पीएचडी में ऐसे अभ्यर्थियों को मौका मिल सकता है, जो किसी जगह नौकरी करते हैं और आगे गुणवत्तापरक शोध करना चाहते हैं। वे अपने संस्थान से एनओसी लेकर पीएचडी में पंजीकृत हो सकते हैं। इसमें कम से कम छह दिन हर सेमेस्टर रिसर्च वर्क करना होगा। पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले शोधार्थी किसी भी तरह की स्कालरशिप नहीं पाएंगे।
पार्ट टाइम पीएचडी कम से कम चार साल और अधिक से अधिक आठ साल में पूरी की जा सकेगी। इसी के साथ ही पार्ट टाइम पीएचडी के लिए पांच साल की सेवा जरूरी होगी। इसके लिए अपने संस्थान से अनुभव सर्टिफिकेट भी देना होगा। अभी केवल केंद्र सरकार, राज्य सरकार, आर्म्ड फोर्स, पब्लिक सेक्टर या बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के अभ्यर्थी डीआरसी के लिए आवेदन कर सकेंगे। पार्ट टाइम पीएचडी में चयन के लिए विवि स्तर पर टेस्ट लिया जाएगा। इसमें 70 प्रतिशत वेटेज राइटअप और 30 प्रतिशत कार्य क्षेत्र में अनुभव को दिया जाएगा। शैक्षणिक योग्यता और परफार्मेंस, इंटरव्यू के आधार पर प्रवेश लिया जाएगा। पीएचडी के आर्डिनेंस पर निर्णय अभी कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को लेना है। प्रोवीसी वाई विमला ने बताया कि आर्डिनेंस में यह व्यवस्था की गई है कि अब विवि में पार्ट टाइम पीएचडी भी शुरू की जाए। कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला की सहमति के बाद यह आर्डिनेंस राजभवन भेजा जाएगा।