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जिले में भर धान की खरीद शुरू होगी। इस बार जिले में धान खरीद के लिए 13 केंद्र बनाए गए हैं। पिछले साल धान की खरीद में कई जिलों में फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसी वजह से इस बार धान खरीद से संबंधित सभी विभाग पीसीएफ, आरएफसी, भारतीय खाद्य निगम,खाद्य विभाग जैसे महकमें पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं। ई-पॉप मशीन में किसान का पूरा ब्योरा फीड रहेगा। पहले आधार से पंजीकरण कराया जाता था, लेकिन उसके बाद भी बिचौलिए धान की बिक्री कर देते थे। इस पर अंकुश लगाने के लिए नया प्रयोग किया जा रहा है। केंद्र पर किसान के पहुंचने के बाद उनका पहले अंगूठा लगाया जाएगा। इसके बाद उनकी फोटो खींची जाएगी। शासन में बैठे अफसर भी इस प्रक्रिया को देख सकेंगे।
संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि बताया कि इस बार किसान ई-पॉप में अंगूठा लगाने के बाद ही धान विक्रय कर पाएंगे। मशीन के जरिए उनकी फोटो खींची जाएगी। इससे धान खरीद में पारदर्शिता आएगी।
नमी बताकर नहीं कर सकेंगे परेशान किसानों के लिए एक और राहत की बात है कि अब क्रय केंद्रों पर प्रभारी उन्हें परेशान नहीं कर सकेंगे। अमूमन धान में अधिक नमी बताकर किसानों को वापस किया जाता था, लेकिन अब केंद्र प्रभारी ऐसा नहीं कर पाएंगे। किसानों का धान केंद्र पर ही सुखवाकर खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। किसान उच्चाधिकारी से अपील कर सकेंगे।
क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों का धान गीला व गंदा होने पर केंद्र प्रभारी अस्वीकृत नहीं करेंगे, बल्कि उसे क्रय केंद्र पर सुखाने व साफ करने का पर्याप्त मौका दिया जाएगा। मानक के अनुरूप गुणवत्ता होने पर किसान का धान खरीदा जाएगा। यदि धान की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है और किसान संतुष्ट नहीं है, तो वह तहसील स्तर पर कार्यरत क्षेत्रीय विपणन अधिकारी के यहां अपील कर सकता है। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी दो दिन के अंदर किसान के समक्ष निर्णय लेगी।
केंद्र प्रभारियों को किया प्रशिक्षित डिप्टी आरएमओ कार्यालय पर सभी केंद्र प्रभारियों को ई-पॉप चलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। संस्था की ओर से पूरे दिन जानकारी दी गई। BY: KP Tripathi