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यह है योग इस देव प्रबोधिनी एकादशी पर कार्तिक शुक्ल एकादशी 14 नवंबर दिन रविवार को प्रबोधिनी तिथि के रूप में पूरे दिन व अगली सुबह 6:40 तक रहेगी। इस एकादशी पर चंद्रमा कुंभ राशि में होंगे। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, हर्षण योग पड़ रहे हैं। इस प्रकार दिव्य शक्तियों के जागरण के साथ विवाह आदि शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। चातुर्मास व्रत नियम की पूर्णता का दिन पंडित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि भगवान विष्णु 4 माह के आध्यात्मिक प्रवास से हमारे भौतिक जगत में वापस लौटते हैं। इन 4 माह में भगवान विष्णु आध्यात्मिक जगत के क्षीर सागर में शेषनाग की शैया में योग निद्रा में होते हैं तथा वही सभी देवता भी प्रवास करते हैं। इस प्रकार इस पृथ्वी पर जहां तीर्थ व धाम है वहां वहां पुन: दिव्य जागरण अब 8 माह के लिए हो जाता है। इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि कितनी महत्वपूर्ण है देव प्रबोधिनी एकादशी।
देवउठनी एकादशी का तात्पर्य शुभताओं का जागरण उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु स्वयं उठते ही सर्वप्रथम तुलसी देवी से ही विवाह करते हैं देवउठनी एकादशी पर। तुलसी विवाह के उपरांत किए जाने वाले विवाह शुभ विवाह ही कहलाते हैं।
ये हैं नवंबर और दिसंबर में शादी की प्रमुख तिथियां नवंबर 2021 – 14, 15, 20, 21, 28, 30 दिसंबर 2021 – 1, 6, 7, 8, 9, 11, 13
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