मेरठ

एक और अनामिका शुक्ला: फर्जी दस्तावेज के आधार बनी प्रधानाध्यापिका, अब कार्यवाही के साथ होगी वेतन की वसूली

Highlights- मेरठ की प्रियंका शर्मा बनी अनामिका शुक्ला- फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर बन गई प्रधानाध्यापिका- बीएसए ने जांच के बाद निरस्त किया अनुबंध

मेरठAug 27, 2020 / 11:54 am

lokesh verma

मेरठ. अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद अब मेरठ में एक और मामला सामने आया है। मेरठ की यह अनामिका शुक्ला फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापिका बन गई। फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर प्रधानाध्यापिका की नौकरी पाने वाली प्रियंका शर्मा पीएवी गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल मोरीपाडा में कार्यरत थी। प्रियंका शर्मा ने फर्जी तरीके से जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर के हस्ताक्षर का अनुभव प्रमाण पत्र बनवा लिया और 2016 में नौकरी पा ली। पिछले 4 साल से प्रियंका शर्मा फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर प्रधानाध्यापिका की नौकरी कर रही थी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ ने अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रियंका शर्मा का अनुबंध समाप्त कर दिया है। प्रियंका की नियुक्ति 23 जुलाई 2016 को शून्य कर दिया गया है।
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प्रियंका शर्मा पुत्री विजेन्द्र शर्मा निवासी मालीवाड़ा का चयन प्रधानाध्यापिका के पद पर पीएवी गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल मोरीपाडा की चयन समिति द्वारा दिनांक 23 जुलाई 2016 को किया गया था। इसके बाद प्रियंका शर्मा ने विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यभार गृहण कर लिया। नियुक्ति के समय प्रियंका ने शैक्षिक योग्यता बीए, बीएड, यूपी टैट, जूनियर स्तर एवं प्राईमरी स्तर की थी। प्रधानाध्यापिका के पद के लिए योग्यता की अनिवार्यता के आधार पर केवी हायर सेंकेंड्री स्कूल हयात कालोनी सहारनपुर का अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया गया था। अनुभव प्रमाण पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर से भी प्रतिहस्ताक्षर दिखाया गया था।
शास्त्रीनगर निवासी गिरीश चंद्र गुप्ता ने सूचना के अधिकार के तहत प्रियंका शर्मा के संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर से जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र के संबंध में जानकारी मांगी। जिसमें डीआईओएस कार्यालय सहारनपुर ने जानकारी उपलब्ध कराई कि प्रियंका शर्मा का अनुभव प्रमाण पत्र कार्यालय से प्रतिहस्ताक्षरित नहीं किया गया है। इसके आधार पर गिरीश चंद्र गुप्ता ने अपर आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ को प्रियंका शर्मा के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व एडीएम प्रशासन ने उक्त प्रकरण के संबंध में जांच कर आख्या मांगी। जिसके संबंध में चरन सिंह खंड शिक्षा अधिकारी और सूर्य कांत गिरी खंड शिक्षा अधिकारी जांच अधिकारी नियुक्ति किए गए। दोनों जांच अधिकारियों ने अनुभव प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी पाया और उसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी। जिसके आधार पर प्रियंका शर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
होगी चार साल के वेतन की वसूली

बीएसए सतेंन्द्र कुमार ने बताया कि फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र बनवाकर प्रधानाध्यापिका के पद पर नियुक्ति का मामला सामने आया है। जांच के बाद अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है, जिसके बाद प्रधानाध्यापिका प्रियंका शर्मा की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। प्रियंका शर्मा से 2016 से अब तक की वेतन की वसूली के साथ ही कानूनी कार्यवाही की प्रकिया चल रही है।
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