बता दे कि सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए नियमों में बदलाव किया है। जिसके अनुसार वाहन स्वामियों को अपने वाहन के 15 साल पुराने हो जाने पर फिटनेस कराना पड़ता है। ये फिटनेस आरटीओ विभाग द्वारा किया जाता है। जिसके बार अगर वाहन फिटनेस में पास हो जाते हैं तो उनका पंजीयन पुन: 5 साल के लिए बढ़ दिया जाता है। पुनः पंजीयन के लिए वाहन खरीदते समय जमा टैक्स का दस फीसद जमा करना पड़ता है।
नियमों में हुआ संशोधन अब देना होगा दस गुना टैक्स वर्ष 2006 में चार पहिया वाहन का टैक्स छह हजार रुपये था। इन वाहनों के पुन:पंजीयन कराने में छह सौ रुपये टैक्स देना होता था। अब सरकार ने पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए नियम में परिवर्तन कर दिया है। जिसके अनुसार अब पुन: पंजीयन कराने पर टैक्स दस गुना अधिक देना पड़ेगा। इसमें मोटर साइकिल का टैक्स तीन सौ रुपये के स्थान पर एक हजार, कार का टैक्स छह सौ के स्थान पांच हजार, बस व ट्रक का टैक्स 1500 के स्थान पर साढ़े बारह हजार रुपये, छोटे ट्रक का दस हजार रुपये देना पड़ेगा।
बीस साल पुराने वाहनों का पुन: पंजीयन नहीं किया जाएगा। सरकार द्वारा किए गए इन नियमों में संशोधन के अनुसार ये नियम एक अप्रैल 2022 से लागू किए जाएंगे। पुराने वाहनों के पुन:पंजीयन के लिए ये नियम केंद्र सरकार ने लागू किए हैं। राज्यों में इन वाहनों के पुन: पंजीयन का मामला राज्य सरकार के आधीन आता है। राज्य सरकार चाहे तो इस टैक्स में मामूली राहत दे सकती है। लेकिन प्रदूषण और बढ़ती सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए राज्य सरकार इन पुराने वाहनों को चलने से रोकने के लिए टैक्स में कोई कमी नहीं करेगा।
मेरठ में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की संख्या लगभग 90 हजार से अधिक है, जिसमें से अधिकांश वाहनों का पुन: पंजीयन नहीं हुआ है। ऐसे वाहनों का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई आरटीओ विभाग की ओर से शुरू हो चुकी है।
आरटीओ मेरठ हिमेश तिवारी ने बताया कि अगर वाहन स्वामी अपने पुराने वाहनों का पुन: पंजीयन नहीं कराते हैं तो एक अप्रैल 2022 से वाहनों का पुन: पंजीयन टैक्स बढ़ जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने पुराने वाहनों का पुन: पंजीयन जल्द से जल्द करा ले जिससे कि बढ़े टैक्स से बचा जा सके।