यह भी पढ़ेंः Notebandi Ke 2 Saal: इस देश में धड़ल्ले से चल रहे भारत के बंद 500 और 1000 के नोट यह भी पढ़ेंःNotebandi Ke 2 Saal: विपक्ष के नेताआें ने मोदी की नोटबंदी को बताया जख्म, कह दी ये बड़ी बातें होटली ‘हारमनी इन’ की है ये कहानी होटल ‘हारमनी इन’ की शुरुआत करीब दस साल पहले हुर्इ थी। उससे पहले ताराचंद पुरी का गढ़ रोड पर पुरी पेट्रोल पंप था, होटल की तरह इस पेट्रोल पंप का भी नाम था। बेटे हिमांशु पुरी ने गुड़गांव में पब खोलने के बाद पिता की मदद से मेरठ में होटल ‘हारमनी इन’ की नींव रखी थी। होटल खुलते ही यह शहर के नामी होटलों में शुमार हो गया। बताते हैं कि दो साल पहले तक होटल ‘हारमनी इन’ का मासिक खर्च करीब 25 लाख रुपये तक का था, होटल अच्छा चल रहा था तो उसकी मासिक आमदनी 30 से 35 लाख रुपये तक होती थी। बैंकों को किश्तें भी आराम से निकल रही थी, लेकिन आठ नवंबर 2016 के बाद से होटल ‘हारमनी इन’ की आमदनी पर ब्रेक लगना शुरू हो गया, जब नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी कर दी, इसके अगले साल जीएसटी भी लगना शुरू हो गया। बताते हैं कि उसी महीने से होटल ‘हारमनी इन’ पर असर पड़ने लगा। जीएसटी ने रही-सही कसर पूरी कर दी। बताते हैं कि होटल की आमदनी एकदम गिर गर्इ आैर यह 15-20 लाख रुपये तक आ गर्इ। बैंकों व अन्य कर्जदारों को लोन की जो किश्तें हर महीने जाती थी, वे रुकने लगी। इसके अलावा हाइवे पर बार बंद होने के कारण होटल कर्ज में घिर गया। कर्ज देने वालों के तकादे लगातार बढ़ते जा रहे थे। होटल के खर्चे आैर स्टाफ की सेलेरी देने तक के लाले पड़ने लगे। एेसे में होटल ‘हारमनी इन’ का पूरा परिवार इसी साल छह मार्च की रात को अपनी कोठी पर नौकर छोड़कर शहर छोड़ गया।
एफआर्इआर के बाद सतर्क हुर्इ पुलिस होटल ‘हारमनी इन’ की हालत खराब होने आैर मालिक हिमांशु पुरी के परिवार समेत गायब होने के बाद पुलिस ने तब यह कहा था कि कोर्इ शिकायत दर्ज नहीं हुर्इ है तो हम कैसे कोर्इ कार्रवार्इ करें। इसके बाद दिल्ली की महिला समेत दो लोगों ने यहां एसएसपी से मिलकर हिमांशु के खिलाफ प्लाॅट देने के नाम पैसा लेने आैर प्लाॅट नहीं देने की एफआर्इआर दर्ज करार्इ है। इसके बाद से पुलिस भी सक्रिय हो गर्इ है।