मेरठ

इस बार बेरंग आैर बेदम हो गया उत्तर भारत का यह सबसे बड़ा मेला, जानिए इसकी गंभीर वजह!

दस मार्च को हुआ था मेला नौचंदी का उद्घाटन, 37 दिन बाद भी दुकानें नहीं लगी

मेरठApr 16, 2018 / 02:05 pm

sanjay sharma

मेरठ। उत्तर भारत की शान मेला नौचंदी इन दिनों बेरंग हो गया है। दो अप्रैल को दलित समाज के बंद के बाद हुए मेरठ में जगह-जगह उपद्रव के बाद हालत यह है कि मेले में झूलेेे, ठेले आैर खोमचों वालों के अलावा कोर्इ दुकान नहीं लग पायी है। हालांकि मेयर सुनीता वर्मा इस बारे में दो बार निरीक्षण कर चुकी थी, लेकिन दो अप्रैल को हुए उपद्रव के बाद यहां जो दुकानें आनी थी, नहीं आ पायी। इसकी वजह यह भी थी कि सारा फोर्स उन स्थानों पर लगा दिया गया, जहां उपद्रव हुआ था। हालांकि जिला प्रशासन ने इस बात का दावा किया था कि 15 अप्रैल से नौचंदी मेला विधिवत रूप से शुरू हो जाएगा, क्योंकि सुरक्षा के लिए पर्याप्त फोर्स मिल जाएगा, लेकिन नौचंदी मेला बदरंग बना हुआ है, जो थोड़ी चहल-पहल है वह झूलों की वजह से है।
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मेला नौचंदी के लिए फोर्स ही नहीं था

कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने दस मार्च को मेला नौचंदी का उद्घाटन किया था आैर उन्होंने नौचंदी मेले में रौनक लाने के लिए जल्द ही दुकान लगाए जाने का आह्ववान किया था। दुकानदार अपनी दुकानें लाने भी लगे थे कि दो अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के संशोधन के विरोध में दलित समाज ने भारत बंद से शहर का माहौल असामान्य कर दिया। दो अप्रैल को उपद्रव के बाद से शोभापुर, कचहरी, दिल्ली-देहरादून बार्इपास समेत कर्इ स्थानों पर तभी से पुलिस, पीएसी आैर आरएएफ तैनात है। जिला आैर पुलिस प्रशासन ने मेला नौचंदी के लिए पर्याप्त फोर्स नहीं होने की बात कही थी। इसलिए दुकानदार भी यहां बिना फोर्स के दुकान लगाने के लिए तैयार नहीं हुए। जिला प्रशासन ने अांबेडकर जयंती के बाद फोर्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
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अब नहीं बदल रही मेले की स्थिति

14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती हो जाने के बाद भी मेला नौचंदी की तस्वीर बेरंग बनी हुर्इ है। न तो यहां पर्याप्त फोर्स पहुंचा है आैर न ही दुकानें। इसलिए जो मेला अप्रैल के आखिर में तय कार्यक्रम के अनुसार खत्म होना था, अब वह संभवतः मर्इ के आखिर तक चलेगा। मर्इ में बारिश की अधिक संभावना रहती है, इसलिए मेले में दुकानदारों को अभी से घाटे की स्थिति दिखार्इ दे रही है। वैसे भी फोर्स 14 अप्रैल के बाद आ जानी चाहिए थी, लेकिन यहां पूरा फोर्स भी नहीं आया है।
कभी तीन दिन का लगता था मेला

मेला नौचंदी दशकों से मेरठ में लग रहा है। 19वीं शताब्दी के शुरू में यह तीन दिन के लिए लगता था। फिर दस दिन, 15 दिन के बाद अब यह मेला एक महीने से ज्यादा समय के लिए लगता है। नौचंदी मेला उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है, लेकिन इस बार यह मेला बेदम आैर बेरंग हो गया है।
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