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नए नियमों के अनुसार निजी कंपनियां और एनजीओ अपना ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोल सकेंगे और इनमें गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण लेने वाले व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे। नई व्यवस्था के बाद ड्राइविंग लाइसेंस मिलने में देरी नहीं होगी और ऑनलाइन आवेदन ( driving license online ) के बाद आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाए बगैर ही ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेगा। ड्राईविंग स्कूल के संचालक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वाहन चलाना सीखने वाले को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे। ये संस्थान जारी कर सकेंगी डीएल मुख्य रूप से ड्राइविंग स्कूल को ही डीएल जारी करने की अनुमति होगी। इनके अलावा एनजीओ, निजी प्रतिष्ठान और ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अलावा वाहन निर्माता संघ व निजी वाहन निर्माता चालक भी ड्राइविंग स्कूल के लिए आवेदन कर सकेंगे। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाली एजेंसी की पूरी जिम्मेदारी होगी। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाली एजेंसियों को सभी मानकों को पूरा करना होगा।
आरटीओ दफ्तर में लंबी वेटिंग और फिर भी लाइसेंस नहीं
वर्तमान में ड्राइविंग लाइसेंस केवल आरटीओ दफ्तर से ही जारी होता है। वर्तमान प्रक्रिया के तहत पहले आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अलग से ऑनलाइन टेस्ट देना पड़ता है। कई आवेदनकर्ता अगर एक बार फेल हो जाए तो दोबारा से फिर शेड्यूल लेना पड़ता है।
हर रोज बढ़ रहे आवेदक
अकेले मेरठ आरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आवेदन आते हैं और हर एक व्यक्ति का ड्राइविंग टेस्ट लेने में काफी समय लगता है क्योंकि डीएल के लिए आवेदन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में आवेदन को एक महीने तक वेटिंग मिलती है। पहले लर्निंग लाइसेंस ( learning driving license ) बनता है उसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए मंत्रालय की तरफ से फैसला लिया गया है जिससे हजारों की संख्या में लोगों को राहत मिलेगी जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं। आरआई राहुल शर्मा ने बताया कि इस तरह की गाइड लाइन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से तैयार की गई हैं। नए दिशा-निर्देश प्राप्त होने पर नए तरीके से कार्य किया जाएगा।
अकेले मेरठ आरटीओ कार्यालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आवेदन आते हैं और हर एक व्यक्ति का ड्राइविंग टेस्ट लेने में काफी समय लगता है क्योंकि डीएल के लिए आवेदन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में आवेदन को एक महीने तक वेटिंग मिलती है। पहले लर्निंग लाइसेंस ( learning driving license ) बनता है उसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए मंत्रालय की तरफ से फैसला लिया गया है जिससे हजारों की संख्या में लोगों को राहत मिलेगी जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं। आरआई राहुल शर्मा ने बताया कि इस तरह की गाइड लाइन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से तैयार की गई हैं। नए दिशा-निर्देश प्राप्त होने पर नए तरीके से कार्य किया जाएगा।