स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित मिले परिवार में नौकर, ड्राइवर समेत परिवार की महिलाएं व अन्य लोग शामिल हैं। ये सभी बीते शुक्रवार को कैंट स्थित नामी गर्ल्स स्कूल की संक्रमित बच्ची के परिजन हैं। बच्ची के पिता में पहले ही संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। जिले में फरवरी के बाद मई में कोरोना की अत्यधिक मरीज मिलने शुरू हुए हैं इसके साथ ही हॉटस्पॉट भी पड़ने शुरू हो गए हैं। अब तक नगला बट्टू, लल्लापूरा, कसेरू बक्सर, दौराला, सरूरपुर के इलाकों में मरीजों की आमद हुई। इनमें 9 केस मरीजों के संपर्क वाले हैं। जबकि 5 नए केस हैं। जिले में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 35 हो गई है। जबकि बीते 4 दिन में ही 31 मरीज संक्रमित मिल चुके हैं। लगातार बढ़ते मरीजों से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ गयी है। हालांकि विभाग ने जांचों की संख्या बढ़ानी शुरू कर दी हैं।
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चौथी लहर से बचाव के इंतजामों को परखने के लिए जिले में सोमवार को मॉकड्रिल का भी आयोजन किया गया। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत तीन सीएचसी सेंटर पर कोरोना से बचाव के इंतजामों का जायजा लिया गया। अस्पतालों में पीकू वार्ड, कोरोना वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट, समेत अन्य बचाव के इंतजाम परखे गए। लखनऊ की टीम ने बारीकी से हर चीज का निरीक्षण किया। इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल लाने से लेकर उपचार दिए जाने तक के रिस्पांस टाइम का भी आकलन किया गया। अधिकतर अस्पतालों में 4 से 6 मिनट में मरीजों को इलाज उपलब्ध करवाया जा सका।
चौथी लहर से बचाव के इंतजामों को परखने के लिए जिले में सोमवार को मॉकड्रिल का भी आयोजन किया गया। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत तीन सीएचसी सेंटर पर कोरोना से बचाव के इंतजामों का जायजा लिया गया। अस्पतालों में पीकू वार्ड, कोरोना वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट, समेत अन्य बचाव के इंतजाम परखे गए। लखनऊ की टीम ने बारीकी से हर चीज का निरीक्षण किया। इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल लाने से लेकर उपचार दिए जाने तक के रिस्पांस टाइम का भी आकलन किया गया। अधिकतर अस्पतालों में 4 से 6 मिनट में मरीजों को इलाज उपलब्ध करवाया जा सका।