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शीतला माता की पांच दिवसीय पूजा महोत्सव दरअसल, हस्तिनापुर में माता शीतला का पांच दिवसीय महोत्सव मनाया जा गया। इस महोत्सव के अंतिम दिन मंदिर के प्रांगण के दरवाजे बंद कर श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम मनाते हैं और शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। शीतला माता के इस महोत्सव में पश्चिम बंगाल से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु अपने परिवार के साथ यहां आते हैं। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि इस पूजा महोत्सव के अंतिम दिन ये श्रद्धालु दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं। इसके माध्यम से ये लोग देवी के प्रति अपनी भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इससे माना जाता है कि मां उनकी इस भक्ति से प्रसन्न होती हैं। वहीं अंगारों पर चलने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। यह भी पढ़ें
आजम खान पर लगे ये गंभीर आरोप, योगी सरकार कस सकती है शिकंजा इसके लिए सबसे पहले मंदिर प्रांगण में दस फीट लंबा गड्ढा खोदा जाता है और उसमें जलते हुए कोयले डाल दिए जाते हैं। इसके बाद उन दहकते अंगारों के ऊपर महिलाएं शीतला माता की जय करती हुए निकलती हैं। ये अलग बात है कि पांच दिन चलने वाले इस महोत्सव से मीडिया को दूर रखा जाता है। इसके अतिरिक्त इस महोत्सव में लोहे के शूलों से भेदकर मां के प्रति भक्ति भी प्रदर्शित की जाती है।