यह भी पढ़ेंः देवी मां के क्रोध से बचने के लिए और इस बार उन्हें प्रसन्न करने के लिए पहले ही कर लें तैयारी, कलश स्थापना और पूजन के लिए इन सामग्री की पड़ेगी जरुरत ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त navratri 2018 में कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक है। अगर इस समय तक कलश नहीं बैठा पाते हैं तो फिर आपको दोपहर तक का इंतजार करना होगा। दोपहर में अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान नवरात्र पूजन के लिए कलश स्थापित किया जा सकता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक ही प्रतिपदा तिथि है। इसके बाद द्वितीय तिथि लग जाएगी, लेकिन द्वितीया तिथि को क्षय माना जाएगा क्योंकि सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि रहेगी। इससे पूरे दिन प्रतिपदा तिथि ही मान्य रहेगी। ऐसे में घट स्थापना के लिए सबसे उत्तम समय प्रातः 7 बजकर 26 मिनट तक है। इस साल 10 अक्टूबर को बुधवार को सूर्योदय बाद 2 घड़ी 18 पल तक ही प्रतिपदा तिथि है। फिर भी शास्त्रों के नियमानुसार सूर्योदय व्यापिनी प्रतिपदा होने से इसी दिन नवरात्र आरंभ हो रहा है। नवरात्र का आरंभ बुधवार को हो रहा है। बुध को व्यापार, बुद्धि और ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में इस वर्ष नवरात्र को व्यापार में प्रगति के लिए अच्छा माना जा रहा है। छात्रों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी नवरात्र का बुधवार के दिन आरंभ शुभ फलदायी है।
यह भी पढ़ेंः दैनिक राशिफल 8 अक्टूबरः आज सात राशि वालाें के लिए बन रहे हैं एेसे याेग, रहना हाेगा सचेत ऐसे करें कलश स्थापना navratri 2018 में कलश स्थापित करने वाले को सबसे पहले पवित्र होने के बाद देवी मंत्र का जाप करें। मंत्र से स्वयं को और पूजन सामग्रियों को पवित्र कर लेना चाहिए। इसके बाद दाएं हाथ में अक्षत, फूल और जल लेकर दुर्गा पूजन का संकल्प करना चाहिए। माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने कलश मिट्टी के ऊपर रखकर हाथ में अक्षत, फूल, और गंगाजल लेकर वरुण देवता का आह्वान करना चाहिए। कलश में सर्वऔषधी एवं पंचरत्न डालें। कलश के नीचे रखी मिट्टी में सप्तधान्य और सप्तमृतिका मिलाएं। आम के पत्ते कलश में डालें। कलश के ऊपर एक पात्र में अनाज भरकर इसके ऊपर एक दीप जलाएं। कलश में पंचपल्लव डालें इसके ऊपर लाल वस्त्र लपेटकर एक पानी वाला नारियल रखें। कलश के नीचे मिट्टी में जौ के दानें फैलाएं। देवी का ध्यान करें।