मेरठ

Nav Samvatsar 2078: आज से शुरू हो रहा है हिंदू नववर्ष, ‘दानवता’ बढ़ने के हैं योग

Nav Samvatsar 2078
नववर्ष 2078 राक्षस नामक संवत्सर,रेवती नक्षत्र और वैधृति योग में लग रहा है। आज 13 अप्रैल से शुरू हो रहा नवसंवत्सर 2078। रेवती नक्षत्र के साथ वैघृति योग और वृषभ लगन अशुभ। धन और संतान की शिक्षा में देगा भारी कमी।

मेरठApr 13, 2021 / 04:04 am

Rahul Chauhan

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ। इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते काल में आज से शुरू हो रहे हिंदू नववर्ष 2078 (Nav Samvatsar 2078) में राक्षस नामक संवत्सर (Samvatsar 2078) लग रहा है। जिसमें मानवता के स्थान पर दानवता बढ़ने के योग हैं। जिस कारण अपराधों का बोलबाला, फसलों का नाश और महंगाई बढ़ने जैसे योग हैं। पंडित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि इस नए संवत्सर में सामाजिक वर्गों के बीच भारी संघर्ष, दमन और भय का वातावरण फैलने के योग बने हुए हैं।
यह भी पढ़ें

नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानिये क्या होगा असर

उन्होंने बताया कि 12 अप्रैल 2021 सोमवार को प्रातः 8:01 से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ ही नवसंवत्सर का प्रारंभ रेवती नक्षत्र व वैघृति योग तथा वृषभ लगन में हो गया है तथा लगन में ही मंगल राहु की युति तथा लग्नेश शुक्र हानि के घर में तथा लगनेष मंगल, लगन के पहले घर में इस प्रकार स्थान परिवर्तन का योग बना रहे हैं, जो अशुभ होकर कई प्रकार की हानियां दे रहा है।
इन स्थितियों के योग हैं इस संवत्सर में

राक्षस नामक नव संवत्सर प्रवेश लग्न कुंडली अनुसार धनेश संतान तथा शिक्षा के स्वामी बुद्ध लाभ के 11वे घर में नीचे राशि तथा अस्त होकर बैठेंगे ही साथ ही ऊर्जावान चंद्रमा का आघात बुध पर होने के कारण धन संतान शिक्षा लाभ में भारी कमी दे रहा है। नव संवत्सर का वृषभ लग्न होने के कारण पश्चिम में आकाल, पूरब में राज्यों में विपरीत स्थिति, उत्तर में आदि उपज बर्बाद तथा दक्षिण में वर्षा अभाव योग बने हुए हैं तथा लग्न में मंगल राहु की स्थिति महामारी प्राकृतिक आपदा तथा बड़ी दुर्घटनाएं, सीमाओं पर युद्ध की स्थिति तथा देश के अंदर शांति भंग के योग बने हुए हैं। सरकारों द्वारा कर बढ़ाए जाने पर मजबूर होना तथा विकास दर नीचे स्तर पर तथा कमजोर अर्थव्यवस्था किसानों सहित जनता में असंतोष के संकेत दे रहे है। बेरोजगारी के कारण विपक्षी दल युवाओं को भड़काने में सफल होंग। शनि, मंगल के षटषटक व समसपतक होने से अंतर्राष्ट्रीय युद्ध की स्थिति तथा भारी प्राकृतिक आपदाओं के योग बने हुए हैं इस संवत 2078 में।
यह भी पढ़ें

विंध्याचल में हो रही नवरात्र मेले की शुरुआत, RTPCR निगेटिव रिपोर्ट के बिना नहीं कर पाएंगे दर्शन

अच्छे भी हैं ये योग

यह बात अलग है कि गुरु की अत्यंत शुभ दृष्टि लग्न में होने के कारण तथा शुक्ररसेष अच्छी फसल तथा धनेष बुद्ध में घेश और फलेश चंद्रमा अच्छी वर्षा के संकेत दे रहे हैं। धनेश गुरु व दुर्गेश चंद्र धन लाभ भी प्रदान कर रहे हैं। इस प्रकार इस संवत्सर में जो अशुभ ग्रह अशुभता फैला रहे है, उन ग्रहों से संबंधित प्रदाथों का दान करें। प्रदाथों अर्थात राहु, मंगल, सूर्य का दान 12 अप्रैल व 13 अप्रैल को अवश्य करें तथा शुभ ग्रह चंद्र व शुक्र के मंत्रों का जाप प्रचुर मात्रा में करके, नव संवत्सर के प्रारंभ में अशुभ ग्रहों का दान करके कुप्रभाव घटाते चले जाएं, ताकि राक्षस नामक यह संवतसर देश और समाज पर कुप्रभावी ना हो सके तथा शुभ नवरात्रों में शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित कर, शुभ मुहूर्त में शक्ति उपासना करने से नकारात्मक ऊर्जाओं की हानि ना पहुंचा सकेगी।

Hindi News / Meerut / Nav Samvatsar 2078: आज से शुरू हो रहा है हिंदू नववर्ष, ‘दानवता’ बढ़ने के हैं योग

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.