यह भी पढ़ेंः सीएम योगी की पसंद के इस आईपीएस ने आते ही दिखाए एेसे तेवर कि एसी में बैठे थानेदारों को आ गया पसीना विभागीय अफसरों आैर कर्मचारियों में आक्रोश सरकार के इस फैसले से जहां उपभोक्ताआें को राहत मिलने की उम्मीद है तो बिजली विभाग के अफसरों व कर्मचारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि मोदी सरकार अगले लोक सभा चुनाव से पहले बिजली वितरण का निजीकरण करना चाहती है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। आॅल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस संबंध में दिल्ली में एक अहम बैठक बुलार्इ है। इसमें महत्वपूर्ण फैसला लिया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः मिशन 2019 के लिए बड़े आैर छोटे चौधरी की ‘सुपर’ तैयारी, कैराना में हार के बाद अब फिर भाजपा में मची खलबली कम दाम मिल सकती है बिजली बिजली मंत्रालय द्वारा तैयार इस ड्राफ्ट के अनुसार बिजली के लिए नया कानून लागू होने के बाद बिजली सप्लायर अपने उपभोक्ताआें को कोर्इ छूट नहीं दे पाएंगे। अगर कोर्इ राज्य सरकार किसी खास या निम्न वर्ग के उपभोक्ताआें को कम कीमत पर बिजली दिलवाना चाहती है, तो सरकार को उतनी रकम उपभोक्ताआें के खाते में डालनी होगी। सीधे तौर पर सप्लायर उपभोक्ताआें को फायदा नहीं पहुंचा सकेंगे।