मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन पूजा करने से राहु केतु से बनने वाले दोष और अशुभता से राहत मिलती है। नाग पंचमी पर राहु और केतु की पूजा का विशेष योग बनने से इसकी महत्वता और अधिक बढ जाती है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार सावन माह 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। सावन महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है, क्योंकि शिव के अलावा अन्य सभी देवी-देवता पाताल लोक में जाकर निंद्रासन में चले जाते हैं। नाग पंचमी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा होती है और उनका रूद्राभिषेक किया जाता है। इससे राहु और केतु का बुरा प्रभाव खत्म होता है।
नाग पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त पंचमी तिथि 12 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 13 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान 13 अगस्त 2021 की सुबह 5 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहेगा। इसकी अवधि 2 घण्टे 39 मिनट है।