नाबार्ड कृषि व्यवसाय में विविधता लाने और कृषि कार्ड के साथ ही पशुपालन एवं मत्स्य क्रेडिट कार्ड में लंबी अवधि के लोन स्वीकृत कर किसानों को अधिक निवेश से ज्यादा लाभ पर जोर दे रहा है। नाबार्ड द्वारा प्रायोजित “कपैसिटी बिल्डिंग एंड अडॉप्शन ओफ़ टेक्नॉलजी कार्यक्रम” के अंतर्गत किसानों को एक्सपोजर विज़िट के लिए जिले के 25 किसानों को हरियाणा के विभिन्न जनपदों में उन्नत कृषि देखने एवम कृषकों से वार्ता के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि नाबार्ड द्वारा कृषकों की उन्नति हेतु अनुदान देकर इस प्रकार का कार्यक्रम सभी जनपद में कराया जाता है। जिससे कृषि का उत्थान एवं नई एवम उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी का प्रचार प्रसार होता है। इस भ्रमण के बाद किसान उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी को अपने कृषि में उपयोग में लाते हैं। इस भ्रमण में कृषि के बारे में वैज्ञानिक शोध की जानकारी के अलावा किसानों की आय में भी बढोत्तरी होती है। इससे प्रधानमंत्री की 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के लक्ष्य पूरा करने हेतु ऐसे ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम कराए जाएंगे।
जिससे पश्चिम उप्र के किसान उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ज्यादा निवेश बढ़ाए और उनको ज्यादा से ज्यादा लोन दिया जाए। इसके लिए सभी बैंकों को कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने सभी किसानों से ऋण लेकर कृषि में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर ज्यादा मुनाफा कमाने हेतु उन्नत कृषि कार्य को बढ़ावा देने की अपील की।
डीडीएम नाबार्ड रचित उप्पल ने बताया की नाबार्ड द्वारा विभिन्न योजनाए चलाई जाती हैँ। जिसमे से एक किसानों का भ्रमण कार्यक्रम भी होता हैँ जिससे किसान अलग अलग तरह की खेती को खुद देखे और वापस आ कर खुद भी उसे करने की कोशिश करे। उन्होंने बताया की जिन किसानों को हरियाणा भेजा जा रहा है ये तीन दिन तक घरोंडा, करनाल, और कुरुक्षेत्र जाएँगे। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को नयी तकनीक की जानकारी देना हैँ जिससे किसानों की आय को बढ़ाना है।
इस दौरान कार्यक्रम में रचित उप्पल डीडीएम नाबार्ड, मनिंदर पाल सिंह अध्यक्ष डीसीसीबी, संजय कुमार एलडीएम, गमपाल सिंह जिला उद्यान अधिकारी एवम अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहें।