मजहबी एकता हर दिल को छूने वाली
सदर स्थित मस्जिद परिसर में कांवड़ बनाने वाले अशरफ कहते हैं कि वो पिछले 10 साल से कांवड़ बनाते आ रहे हैं। उनके पास सिर्फ मेरठ ही नहीं बल्कि दिल्ली और हरिद्वार तक से कांवड़ बनवाने के आर्डर आते हैं। उनका कहना है कि कांवड़ बनाने में मदद के लिए हिंदू युवक जो कि आसपास रहते हैं वो भी आते हैं। मस्जिद के भीतर ही हिंदू और मुस्लिम युवक दोनों मिलकर कांवड़ का निर्माण करते हैं। अशरफ का कहना है कि वो हर तरह की कांवड़ बनाने के माहिर हैं। इस बार कुछ लोगों ने बुलडोजर कांवड़ बनवाने के आर्डर दिए हैं। जिसको वो तैयार कर रहे हैं। अशरफ का कहना है कि इस बार बुलड़ोजर कांवड़ की अधिक डिमांड है। इस कांवड़ की ऊचाई 15 फीट और इसकी लंबाई सात फीट है।
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ज्ञानवापी की चर्चा के बीच बनाते हैं कांवड़
अशरफ बताते हैं कि इस समय ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में चल रहा है। वो ज्ञानवापी मामले पर नजर रखे हुए हैं और कांवड़ भी बना रहे हैं। पिछले दस साल से कांवड़ बनाते आ रहे अशरफ का कहना है कि मेरठ में जरा सी बात पर सांप्रदायिक तनाव हो जाता है। लेकिन इसका असर कभी भी त्यौहारों और पर्व पर नहीं पड़ता है।
कांवड़ बनाने के दौरान रखते हैं साफ—सफाई का पूरा ध्यान
अशरफ कांवड़ बनाने के माहिर हैं। कांवड़ बनाने के काम में जो युवक लगे रहते हैं। वो साफ—सफाई का भी बड़ा ध्यान रखते हैं। कांवड़ बनाने में जुटे युवकों का कहना है कि पानी पीने के बाद भी वो लोग हाथ धोते हैं उसके बाद काम में जुटते हैं। खाना खाने के बाद कांवड़ को छूने से पहले हाथ और पैर को धोकर ही हाथ लगाते हैं। कांवड़ बनाने के दौरान मस्जिद में भी साफ—सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है।
ज्ञानवापी की चर्चा के बीच बनाते हैं कांवड़
अशरफ बताते हैं कि इस समय ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में चल रहा है। वो ज्ञानवापी मामले पर नजर रखे हुए हैं और कांवड़ भी बना रहे हैं। पिछले दस साल से कांवड़ बनाते आ रहे अशरफ का कहना है कि मेरठ में जरा सी बात पर सांप्रदायिक तनाव हो जाता है। लेकिन इसका असर कभी भी त्यौहारों और पर्व पर नहीं पड़ता है।
कांवड़ बनाने के दौरान रखते हैं साफ—सफाई का पूरा ध्यान
अशरफ कांवड़ बनाने के माहिर हैं। कांवड़ बनाने के काम में जो युवक लगे रहते हैं। वो साफ—सफाई का भी बड़ा ध्यान रखते हैं। कांवड़ बनाने में जुटे युवकों का कहना है कि पानी पीने के बाद भी वो लोग हाथ धोते हैं उसके बाद काम में जुटते हैं। खाना खाने के बाद कांवड़ को छूने से पहले हाथ और पैर को धोकर ही हाथ लगाते हैं। कांवड़ बनाने के दौरान मस्जिद में भी साफ—सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है।