खेलो पत्रिका Flash Bag NaMo9 Contest और जीतें आकर्षक इनाम, कॉन्टेस्ट मे शामिल होने के लिए http://flashbag.patrika.com पर विजिट करें। धर्म के लिए करें लोगों की सहायता उन्हाेंने कहा कि वास्तव में जिन्होंने अल्लाह पर विश्वास किया और उसके लिए संघर्ष किया, उन्हें और जिन्होंने आश्रय दिया और सहायता की। वे आपस में एक-दूसरे के मित्र बन गए। किंतु जिनको विश्वास तो था लेकिन वे वहां से नहीं गए उनका वहां कोई संरक्षक नहीं था। जिसके कारण उनको वहां पर कष्ट झेलना पड़ा। जब तक कि वहां से नहीं चले जाते और यदि वे धर्म के लिए आपकी सहायता चाहते हैं तो आपको उनकी सहायता करनी चाहिए। चाहे वे आपके बीच के ही है, लेकिन आपके खिलाफ हो और जो भी समझते हो। उन्होंने बताया कि उस दौर में मदीना में नवनिर्मित उम्माह को विविध क्षमताओं वाले पुख्ता मानव संसाधन की सख्त जरूरत थी।
यह भी पढ़ेंः मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी, पड़ेगी इतनी भयंकर गर्मी कहीं भी धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकते हैं बाद में पैगम्बर ने लोगोें को उत्साहित करते हुए कहा कि वे कहीं भी रह कर अपने धार्मिक वैश्विक कर्तव्यों को निभा सकते हैं और उन्होंने मदीना प्रवास को आवश्यक नहीं बताया। उन्होंने घोषणा की कि एक बार मक्का को पूरी तरह से छोड़ देने के बाद कोई हिजरत नहीं करेगा। मौलाना ने कहा कि यहां के मुसलमान नागरिक, भारतीय संविधान के अनुच्छेद के मौलिक अधिकार के अनुसार अपने धर्म की शिक्षा, आरक्षण और प्रचार सुनिश्चित करते है। इसलिए वे हिजरत के लिए किसी प्रकार के बंधन में नहीं हैं।