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पुलिस दबिश में भाग निकला था मुन्ना
1998 में मेरठ के एक गांव में मुन्ना बजरंगी की लोकेशन पुलिस की खुफिया टीम और एसटीएफ को लगी थी, जिस पर उस गांव में छापा मारा गया था। लेकिन उससे पहले ही मुन्ना बजरंगी वहां से फरार हो गया था। पश्चिमी यूपी में अपनी पकड़ बनाने के कारण उसकी इस क्षेत्र के कई बड़े बदमाशों से दुश्मनी हो गई थी। सुशील मूंछ से मुन्ना का 36 का आंकड़ा था। पश्चिमी यूपी में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए उसने गाजियाबाद में एक अपराधी के भाई को भी गोलियों से भून दिया था।
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मेरठ जेल में लग्जरी गाड़ियों से मिलने पहुंचे थे सफेदपोश
एक साल पहले जब मुन्ना बजरंगी को जब मेरठ जेल में रखा गया था। उस समय उससे मिलने के लिए जेल के बाहर लग्जरी गाड़ियों की लाइन लगी थी। मुन्ना बजरंगी ने जेल के बाहर ही पुलिस वाहन में इन लोगों से मुलाकात की थी।
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सुशील मूंछ का दाहिना हाथ है सुनील राठी
सोहरका डबल मर्डर केस के बाद सुशील मूंछ का नाम फिर से चर्चा में आया था। दरअसल सुशील मूंछ के पूरब के कई माफियाओं से अच्छे संबंध हैं। बताया जाता है कि इनमें मुन्ना बजरंगी के विरोधी भी हैं। जिन्होंने सुशील मूंछ को मुन्ना बजरंगी के लिए प्रयोग किया। सुशील मूंछ ने अपने राइट हैंड सुनील राठी को इस काम के खात्मे की कमान सौंपी। कुख्यात सुनील राठी को सामने कर मुन्ना बजरंगी को रास्ते से हटा दिया गया। दोनों ही गिरोहों का काम चूंकि रंगदारी वसूलने का है इसलिए राठी को इस काम के लिए तैयार किया गया।