हथियार छुपाने में जेलकर्मियों की भूमिका संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार रॉबिन की ओर से जेल में पिस्टल पहुंचाने के बाद इन पिस्टल को जेलकर्मियों की मदद से जेल के अंदर छिपाया गया। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि जेल में ये पिस्टल कैसे दाखिल की गईं। लेकिन ऐसे आरोप लग रहे हैं कि इसमें जेलकर्मियों ने मदद की थी। वहीं, इस वारदात के बाद से रॉबिन भी फरार है। पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश में जुट गई है। अब रॉबिन के पकड़ में आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि जेल के अंदर पिस्टल कैसे पहुंचाई गई। इस मामले में सीओ वंदना शर्मा का कहना है कि जेल में हथियार और कारतूस कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जा रही है।
जेल में हथियार पहुंचने की जांच कर रहे हैं डीआईजी
एडीजी कारागार चन्द्रप्रकाश मंगलवार दोपहर बागपत जिला जेल पहुंचे। वहां पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी कुख्यात सुनील राठी से घंटों पूछताछ की। इसके बाद अपने सामने ही बैरकों की तलाशी कराई। इस दौरान बैरकों में जगह-जगह मिली खामियों को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश भी उन्होंने जेल अधिकारियों के दिए। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जेल में हत्या की जांच पुलिस के अधिकारी कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि जेल में पिस्टल और दूसरे सामान कैसे पहुंचा, इसकी जांच डीआईजी कारागार कर रहे हैं। गौरतलब है कि डीआईजी दो दिन से बागपत जेल में ही डेरा जमाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी जेल अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जेल में कैमरे लगने को लेकर हुई देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कागजी प्रक्रिया की वजह से देरी हुई है। जल्द ही कैमरे लगवा दिए जाएंगे। इसके अलावा बागपत पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम भी दिनभर बजरंगी हत्याकांड से जुड़े तारों को खंगालने में लगी रही। पुलिस खासकर उन लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में सुनील राठी और दूसरे कुख्यात बदमाशों से मुलाकात की थी। ऐसे लोगों की सीडीआर भी निकलवाई जा रही है।
मुन्ना बजरंगी को मारने के लिए इसलिए चुना गया बागपत जेल
डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के लिए ऐसी जेल को चुना गया, जहां कैमरे नहीं हों और स्टाफ भी कम हो, ताकि आसानी से कोई भी साजिश रची जा सके। मुन्ना बजरंगी की हत्या की साजिश रचने वालों को इन सभी लिहाज से बागपत जेल उचित लगा। यही वजह है कि यहां जेल के अंदर असलाह भी आसानी से पहुंचा दिए गए। साजिशकर्ताओं ने मुन्ना की हत्या की जिम्मेदारी सुनील राठी को दी, चूंकि बागपत में उसका साम्राज्य फैला है। बताया जाता है कि मुन्ना बजरंगी को इस बात की भनक थी। यही वजह है कि 29 जून को उनकी पत्नी प्रेसवार्ता कर पति की हत्या की आशंका जाहिर की थी।