प्रोफेसर वाई विमला ने कहा की वर्तमान समय में मोबाइल, टैबलेट आदि के बिना शिक्षा पूर्ण नहीं हो सकती। लेकिन इसका सदुपयोग होना चाहिए। प्रोफेसर मृदुल गुप्ता ने बताया कि टेबलेट का प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी किया जा सकता है। राज्य सरकार की यह एक अच्छी पहल है। धीरेंद्र कुमार वर्मा जी ने राज्य सरकार की इस योजना को विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि इस योजना का नाम अब स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना हो गया है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ लक्ष्मण नागर ने बताया राज्य सरकार की यह योजना युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने में कारगर साबित होगी। जिससे युवाओं के जीवन में तरक्की की नई उड़ान शुरू होगी।
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