यह भी पढ़ेंः गर्मी का दस साल पुराना रिकार्ड टूटा, मौसम विभाग ने 72 घंटे के लिए जारी किया अलर्ट पिछले साल अच्छा रहा था मानसून 2018 में मानसून की अच्छी स्थिति रही थी। प्री-मानसून बारिश के साथ-साथ मानसून भी अपने नियत समय पर वेस्ट यूपी, दिल्ली-एनसीआर में पहुंचा था। यही वजह रही कि मेरठ आैर आसपास 100 प्रतिशत तक बारिश हुर्इ थी। मौसम वैज्ञानिक एन. सुभाष का कहना है कि जिस तरह की इस बार स्थिति बनी है, उसमें बारिश कम होने के आसार हैं। डा. एन. सुभाष का कहना है कि मौसम विभाग ने पहले एक जून को केरल में मानसून पहुंचने का अलर्ट दिया था, लेकिन यह एक सप्ताह लेट है। मानसून धीमा चल रहा है, एेसे में केरल से वेस्ट यूपी, दिल्ली-एनसीआर तक इसके पहुंचने में एक महीने से ज्यादा समय लग सकता है। मौसम वैज्ञानिक की मानें तो इस बार मानसून सामान्य से कम रहेगा। एेसे में गर्मी के साथ पानी की किल्लत भी कर्इ स्थानों पर दिखार्इ पड़ सकती है। खेती के लिए यह किल्लत ज्यादा रहेगी। इस बार के मानसून की गति अच्छी रहनी बेहद जरूरी है।
यह भी पढ़ेंः रिकार्ड तोड़ गर्मी में इतने घंटे बाद मिलने जा रही राहत, मौसम वैज्ञानिकों ने बतार्इ वजह प्री-मानसून बारिश में कमी के आसार इस बार रिकार्ड तोड़ गर्मी की एक वजह यह भी है कि प्री-मानसून बारिश नहीं हुर्इ है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जब ज्यादा गर्मी पड़ती है तो बारिश भी बहुत अच्छी होती है, लेकिन इस बार शुरुआत में बारिश नहीं हुर्इ है, इसलिए मानसून की बारिश पर फर्क पड़ेगा। बंगाल की खाड़ी से पुरवार्इ हवा से तापमान स्थिर तो हो गया है, लेकिन गर्मी का असर कम नहीं है। साथ ही मानसून की धीमी गति इस बार लोगों को ज्यादा परेशान करेगी। सोमवार को मेरठ आैर आसपास का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री रहा तो मंगलवार की दोपहर दो बजे तापमान 39.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि आर्द्रता 60 प्रतिशत रही।