यह भी पढ़ेंः यह अभिनेत्री राजनीति में आने के लिए है बेचैन, पार्टी पर पत्ते नहीं खोले यह भी पढ़ेंः दो अप्रैल को उपद्रव करने वालों की पहचान, पुलिस कस रही शिकंजा 30 अप्रैल को भर्ती कराया था बीती 30 अप्रैल को बिजनौर के सीना गांव निवासी शीशपाल की गर्भवती पत्नी ममता को परिजनों द्वारा गंगानगर स्थित प्राइवेट हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 30 अप्रैल की रात ही ममता ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन कुछ देर बाद ही ममता की मौत हो गई। उधर, बच्ची की हालत भी काफी नाजुक थी, जिसके चलते उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। हाॅस्पिटल संचालकों के अनुसार ममता की मौत के बाद उसके परिजन अंतिम संस्कार करने की बात कहकर ममता का शव लेकर अस्पताल से चले गए। आरोप है कि अगले दिन बच्ची की हालत में सुधार होते देख हाॅस्पिटल के स्टाॅफ द्वारा परिजनों को काॅल की गई तो उन्होंने अगले दिन आने की बात कही। इसके बाद परिजनों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए। चार दिन से हाॅस्पिटल संचालक टकटकी लगाए बच्ची के ‘वारिसों’ का इंतजार कर रहे हैं। एसओ गंगानगर दिनेश वघेल ने बताया कि हाॅस्पिटल प्रबंधन ने इस मामले में अवगत कराया है। बच्ची के परिजनों से संपर्क का प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्ची अब पूर्णता स्वस्थ है।
यह भी पढ़ेंः महिलाआें काे ठगने में माहिर है यह ‘बबली’, इसे पकड़ने में लोगों ने बुना यह जाल यह भी पढ़ेंः इन दोनों ने चंद रुपये के विवाद में कोठा संचालिका की हत्या की, जानिए पूरा मामला सामाजिक संगठनों से की अपील अस्पताल प्रशासन ने सामाजिक संगठनों से बच्ची की मदद की अपील की है, जिससे बच्ची को दूध और आहार दिया जा सके। कुछ सामाजिक संगठनों ने बच्ची के परिवरिश की जिम्मेदारी लेने की बात भी कही है।