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लगेगा 50 हजार का जुर्मानासरकार के इस कदम से कारागार के भीतर मोबाइल फोन का प्रयोग बंदियों पर भारी पड़ेगा। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद कारागारों में बंदी अनुशासन के लिए प्रिजन एक्ट-1894 में हुए बदलाव को लागू कर दिए गया है। कारागारों में मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण के उपयोग को संज्ञेय व गैर जमानती अपराध बनाया गया है। इनके उपयोग पर अब तीन से पांच वर्ष तक का कारावास व 20 से 50 हजार रुपये तक अर्थदंड की सजा अथवा दोनों से दंडित किए जाने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
कंप्यूटर, इंटरनेट और सिम पर प्रतिबंध
अब अगर कोई बंदी कारागार परिसर के भीतर अथवा बाहर मोबाइल का प्रयोग करते पकड़ा गया और उसके परिणामस्वरूप कोई अपराध किया गया तो संशोधित कानून के तहत उसे कठोर सजा दिलाना संभव होगा। इस व्यवस्था के लागू होने से मोबाइल फोन, वाईफाई, ब्लूटूथ, टैबलेट, कंप्यूटर, इंटरनेट, जीपीआरएस, ई-मेल, एमएमएस, सिम या अन्य कोई इलेक्ट्रिक उपकरण का प्रयोग कारागार परिसर भीतर व बाहर गैरजमानती अपराध होगा।
अब अगर कोई बंदी कारागार परिसर के भीतर अथवा बाहर मोबाइल का प्रयोग करते पकड़ा गया और उसके परिणामस्वरूप कोई अपराध किया गया तो संशोधित कानून के तहत उसे कठोर सजा दिलाना संभव होगा। इस व्यवस्था के लागू होने से मोबाइल फोन, वाईफाई, ब्लूटूथ, टैबलेट, कंप्यूटर, इंटरनेट, जीपीआरएस, ई-मेल, एमएमएस, सिम या अन्य कोई इलेक्ट्रिक उपकरण का प्रयोग कारागार परिसर भीतर व बाहर गैरजमानती अपराध होगा।
छह माह की सजा व 200 रुपये जुर्माना का प्रविधान
किसी जेलकर्मी की संलिप्तता सामने आने पर उसके खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कर इसी कानून के तहत कार्रवाई होगी। जेलों में अब तक मोबाइल अथवा अन्य कोई प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर छह माह की सजा व 200 रुपये जुर्माना का प्रविधान था।
किसी जेलकर्मी की संलिप्तता सामने आने पर उसके खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कर इसी कानून के तहत कार्रवाई होगी। जेलों में अब तक मोबाइल अथवा अन्य कोई प्रतिबंधित वस्तु पकड़े जाने पर छह माह की सजा व 200 रुपये जुर्माना का प्रविधान था।
नियमों को कठोरता के साथ किया जाएगा लागू बीते दिनों इस कानून में बदलाव को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। प्रिजन एक्ट 1894 की धारा 42 व 43 में महत्वपूर्ण बदलाव कर सजा की अवधि व जुर्माना राशि बढ़ाई गई थी। इन धाराओं के तहत दी जाने वाली सजा आरोपित के मूल अपराध की सजा से अतिरिक्त होगी। चौधरी चरण सिंह कारागार के जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि नियमों को कठोरता के साथ लागू किया जाएगा। जिला कारागार में वैसे भी पहले से मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित चीजें निषेध हैं।
BY: KP Tripathi
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