मेरठ से हुई थी गिरफ्तारी
दिल्ली में मेजर की पत्नी शैलजा की हत्या करने के बाद आरोपी मेजर मेरठ के कैंट स्थित आफिसर्स मेस में रुका हुआ था। हत्यारोपी मेजर की लोकेशन कैंट एरिया में आ रही थी और उसका पीछा कर रही दिल्ली पुलिस की टीम मेरठ के कैंट एरिया में आकर रुक गई और सीधे लालकुर्ती थाने में पहुंच गई। रात को 10 बजे हत्यारोपी मेजर का मोबाइल स्विच आफ हो गया, जिस कारण पुलिस की सर्विलांस टीम को उसका मोबाइल खुलने तक इंतजार करना पड़ा। हत्यारोपी मेजर ने अपना मोबाइल सुबह तीन बजे जब खोला, तो उसकी लोकेशन दिल्ली पुलिस की रडार पर फिर से आ गई। हत्यारोपी मेजर इसके बाद मार्निंग वाॅक के लिए सुबह निकला ही था कि उसे मेरठ और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने धर दबोच लिया था। हत्यारोपी मेजर को तनिक भी भनक नहीं लगी कि पुलिस उसे इस तरह से गिरफ्तार कर सकती है।
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मेजर नीखिल ने तीन माह में शैलजा को किए हजारों कॉल
शैलजा के लेकर मेजर निखिल कितना दीवाना था, इसका पता पुलिस की जांच में कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से चला है। कॉल डिटेल से पता चलता है कि शैलजा की हत्या से दो दिन पहले आरोपी निखिल ने शैलजा को फोन करके दिल्ली में आरआर हॉस्पिटल में बुलाया था। उस समय भी दोनों एक साथ रहे थे। एसपी सिटी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि पिछले तीन माह में आरोपी मेजर ने शैलजा के फोन पर करीब 3300 बार कॉल की थी। इस बात की पुष्टि शैलजा के मोबाइल से मिले रिकॉर्ड से भी होती है, जिसे पुलिस ने निकलवाया तो हैरान रह गई। दिल्ली पुलिस ने शैलजा के मोबाइल का कुछ महीने का सीडीआर निकलवाया तो पता चला कि पिछले 3 माह के दौरान कुल 3800 कॉल औज मैसेज दोनों ओर से किए गए थे। कास बात ये है कि इनमें से 3300 केवल निखिल के फोन से आए थे।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस को सुना रहा था उल्टी कहानी
मेरठ पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद हत्यारोपी मेजर निखिल पुलिस को उल्टी कहानी सुनाकर गुमराह करने की कोशिश करता रहा। उसका कहना था कि शैलजा उस पर शादी का दबाव बना रही थी और वह उससे पीछा छुड़ाना चाहता था। उसके मुताबिक शैलजा उसे शादी से मना करने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकी देती थी। इसी से आजिज आकर पीछा छुड़ाने के लिए ही उसने शैलजा की हत्या की।