शहीद की अंतिम यात्रा में सड़क पर बिछ गई फूलों की सेज
शहीद मेजर केतन शर्मा की अंतिम यात्रा में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान फिजा में मेजर केतन शर्मा अमर रहे का नारा गूंजता रहा। शव यात्रा में लोगों का जनसैलाब देखने को मिला। इस दौरान सभी की आंखों ने पाकिस्तान और आतंवादियों के खिलाफ नफरत और गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। शहीद की अंतिम यात्रा ऐसी शाही तरीके से निकली कि लोग देखकर दंग रह गए। शव यात्रा के आगे-आगे युवा फूलों की सेज बिछा रहे थे। उसके पीछे-पीछे फूलों से सजा सेना का शल लेकर चल रहा था।
दिल्ली के सेना प्रमुख ने दी सलामी
इससे पहले जम्मू-कश्मीर से उनका पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचने पर यहां सेना के बड़े अधिकारियों ने सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। वहां से केतन शर्मा के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से मेरठ लाया गया। इस मौके पर राज्य सरकार की तरफ से गन्ना मंत्री सुरेश राणा शहीद मेजर के घर पर उनके परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे।
सरक्षा के मुख्ता इंतजाम
मंगलवार की दोपहर को मेरठ के आरवीसी सेंटर में हेलीकॉप्टर उतरा। वहां से शव को मेजर के घर पर लाया गया। शहीद मेजर के शव को लेने के लिए परिवार के लोग पहले ही आरवीसी सेंटर पहुंच चुके थे। दिल्ली से जैसे ही केतन शर्मा का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर में रखा गया, मेरठ में सैनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई थी। इसके बाद अधिकारियों ने उनके परिजनों को आरवीसी सेंटर स्थित हेलीपैड पर ले जाने की व्यवस्था की। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए आरवीसी और उसके आसपास के क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस बीच शहीद के परिजनों के अलावा अन्य किसी को भी आरवीसी की सीमा में नहीं घुसने दिया गया।
गौरतलब है कि कि सोमवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें मेरठ के रहने वाले 29 साल के मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए थे। केतन शर्मा के शहादत की खबर सुनने के बाद उनकी माता की हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद उनका घर पर ही इलाज कराया गया था। शहीद मेजर केतन शर्मा की शादी दिल्ली निवासी ईरा से हुई थी। इन दोनों की एक पुत्री है, जो करीब तीन साल की है।