यह भी पढ़ेंः कोरोना से जंग में खेल का सामान बनाने वाली कंपनियां आयी मैदान में, पूरे देश के लिए बनाएंगी पीपीई किट मेरठ की रहने वाली प्रतियोगी छात्रा शालिनी वर्मा ने बताया कि बस पकडऩे के लिए लोक सेवा आयोग चौराहे पर पहुंचे तो उनके चेहरे पर घर लौटने की खुशी थी। लेकिन उन्हें अपने भविष्य की चिंता भी सता रही थी। शालिनी प्रयागराज में एक किराये के कमरे में रहकर इंजीनियरिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। घर से जो थोड़ी-बहुत मदद मिली थी, उसी से गुजारा हो रहा था। उन्होंने बताया कि पांच दिन पहले उनकी जेब खाली गई तो अपने साथियों से राशन उधार लेकर एक वक्त के भोजन का इंतजाम जैसे-तैसे किया। उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने लॉकडाउन और कोरोना से निपटने में बहुत बढिय़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि वह योगी और मोदी सरकार को धन्यवाद देती हैं। जिसके कारण वह मेरठ पहुंच सकी।
यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन के दौरान गर्लफ्रेंड को लेकर दो पक्षों में चली गोलियां, बच्चे समेत तीन घायल लॉकडाउन के कारण प्रयागराज में फंसी एक और प्रतियोगी छात्रा सोनिया ने बताया कि वह हापुड़ से हैं और प्रयागराज में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। उन्होंने कहा कि जब से प्रयागराज से चले तब से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। रास्ते में सिर्फ चिप्स के पैकेट से ही भूख मिटानी पड़ी। रात भर कुछ भी खाने को नहीं मिला। इन सभी छात्रों की बस स्टैंड पर ही थर्मल स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद इनको होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी छात्रों को घरों में भेजने की तैयारी की जा रही है। उससे पहले इन सबके सैंपल लिए गए। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि जब तक सैंपल की जांच रिपेार्ट नहीं आ जाती, तब तक सभी को क्वारंटाइन में रहना होगा।