मेरठ

एसएसपी ने सुनाया नया फरमान, अब महिला पुलिसकर्मियों को करना होगा यह काम

मेरठ जिले में कुछ 32 थाने हैं, जिनमेंं करीब 450 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं

मेरठJun 19, 2018 / 03:31 pm

sharad asthana

एसएसपी ने सुनाया नया फरमान, अब महिला पुलिसकर्मियों को करना होगा यह काम

मेरठ। एसएसपी ने थानों में तैनात महिला पुलिसकर्मियों को अब एक और काम का जिम्मा सौंपा है। एसएसपी के इस काम को थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मियों को ही करना होगा। इसके लिए महिला पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने टार्गेट भी दिया है। एसएसपी के इस अनोखे निर्देश को एक अच्छी पहल के रूप में देखा जा रहा है।
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पारिवारिक झगड़ों के आते हैं सबसे ज्‍यादा मामले

बताते चलें कि आजकल थानों में सर्वाधिक मामले पारिवारिक झगड़ों के आ रहे हैं। इनमें अधिकांश समय बीतता है। किसी-किसी मामले में तो थाने के सिपाहियों को पूरा दिन इसको निपटाने में लग जाता है। इससे अन्य आपराधिक वारदातों की तहकीकात और जांच आदि छूट जाती है। इसे देखते हुए एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने निर्देश दिए हैं कि महिलाओं की परिवार संबंधी शिकायतों का निस्तारण अब थानों पर ही होगा।
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एसएसपी ने दिया टारगेट

इसका जिम्मा महिला पुलिसकर्मियों को सौंपा गया है। मेरठ जिलों के थानों में तैनात महिला पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अपने थानों में आने वाले पारिवारिक झगड़ों का निपटारा करेंगी। इसके लिए एसएसपी ने बाकायदा महिला पुलिसकर्मियों को टारगेट भी दिए हैं। एसएसपी ने कहा है कि थाने में तैनात प्रत्येक महिला पुलिसकर्मी पांच-पांच पारिवारिक केस का निपटारा करेंगी। बताते चलें कि थाने में पारिवारिक मामलों का निपटारा न होने पर पीड़ित सीधे एसएसपी कार्यालय की ओर रूख करता है। एसएसपी के पास सर्वाधिक शिकायतें पारिवारिक मामलों की आती हैं। मेरठ में ऐसी शिकायतें अधिकतर थाना लिसाड़ी गेट और कोतवाली क्षेत्र से आती हैं।
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450 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं जिले में

मेरठ जिले में कुछ 32 थाने हैं। इन 32 थानों में करीब 450 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। एसएसपी के आदेश के मुताबिक प्रत्येक महिला पुलिसकर्मी को महीने में पांच पारिवारिक मामलों का निपटारा करना होगा। एसएसपी राजेश कुमार पांडे का कहना है कि चूंकि महिलाएं एक-दूसरे की भावनाओं और एक-दूसरे से खुलकर बातें कर लेती हैं, इसलिए अब थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मियों को ये जिम्मेदारी दी गई है।
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