यह भी पढ़ेंः Gandhi Jayanti पर भाजपा करने जा रही ये बड़ा काम, 15 दिन चलेगा ये अभियान, देखें वीडियो मेरठ के शहीद स्मारक में रखे गांधी जी के 1920 के मेरठ दौरे से जुड़े दस्तावेजों के मुताबिक गांधी जी 22 जनवरी 1920 की सुबह 9.30 बजे कार से मेरठ पहुंचे थे। डीएन कालेज में गांधी जी का भव्य स्वागत किया गया था। इस स्वागत में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही शामिल हुए थे।
यह भी पढ़ेंः Arms License को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, धारकों को करना होगा यह काम 22 जनवरी 1920 को मेरठ पहुंचे गांधी जी मेरठ में 30 जनवरी तक रूके थे। इन आठ दिन के उनके कार्यक्रमों ने ब्रिटिश हुकूमत में ऐसी हलचल मचाई कि इसकी गूंज ब्रिटेन तक पहुंच गई। मेरठ में जो अंग्रेज अधिकारी थे उनको तुंरत बदल दिया गया। उनकी जगह दूसरे तेजतर्रार अधिकारी को मेरठ यूनिट की कमान सौंपी गई। इस दौरान गांधी जी ने जो हिंदू-मुस्लिम एकता का माहौल तैयार किया, उससे अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। अपने आठ दिन के इस कार्यक्रम में गांधी जी ने पूरे मेरठ में कई जनसभाएं और रैलियां की थी। इस दौरान हिंदुओं ने चांद सितारा का परिधान पहना था और मुस्लिम तिलक लगाकर जनसभाओं और रैलियों में शामिल हुए थे।
दूसरी बार गांधीजी का मेरठ आगमन 1929 में हुआ। वे इस बार सविनय अवज्ञा आंदोलन से पहले मेरठ में माहौल बनाने पहुंचे थे। वे इस दौरान मेरठ के जेल में बंद कैदियों से मिले। गांधीजी का अंतिम मेरठ दौरा 1931 का रहा। वे इस दौरान गांधी आश्रम (Gandhi Aashram) में रुके थे। यहां से लौटने के बाद उन्होंने अपने समाचार पत्र नवजीवन में गांधी आश्रम की गतिविधियों और भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से लिखा।