यह भी पढ़ेंः मेरठ में कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत के बाद हाई अलर्ट, पता लगने पर भी कोई रिश्तेदार नहीं पहुंचा मेडिकल कालेज बता दें कि दिल्ली स्थित मरकज भवन में 1500 से 1700 लोग एकत्र हुए थे। इसमें से 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है। इनमें से 335 को अस्पताल भेजा गया है और करीब 700 को पृथक केंद्र भेजा गया है। पुलिस के अनुसार, ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के नजदीक मरकज में कई सभाएं हुईं। जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था।
यह भी पढ़ेंः मेरठ में मिले 14 जमातियों की कोरोना रिपोर्ट आयी निगेटिव, तीन दिन तक क्वारंटाइन में रहेंगे अब तक 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पुलिस सूत्रों के अनुसार, मरकज में शामिल होने वाले लोगों में से 24 को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है। जिसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है। वहीं इन 24 लोगों के संपर्क में भी सैकड़ों लोग आए हैं जो कि देशभर में फैल गए हैं। इनमें से करीब 100 मेरठ रेंज में हैं। जिनकी तलाश सरगर्मी से की जा रही है।
यह भी पढ़ेंः Lockdown के दौरान बैंक का कैशियर 22 लाख लेकर फरार, शाखा प्रबंधक ने दर्ज कराई एफआईआर रेंज के जनपदों पर रखी जा रही नजर हाई अलर्ट पर रखे गए जिलों के पुलिस प्रमुखों को जमात में भाग लेने वाले लोगों की पहचान कर उनकी मेडिकल जांच कराने के लिए कहा गया है। इस बारे में एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार का कहना है कि निजामुद्दीन में तब्लीगी जलसे में शामिल होने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। हमने धर्मगुरूओं से अपील की है कि वे भी इस काम में हमारा सहयोग करें। लोग स्वेच्छा से आगे आएं। प्रशासन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करेगा। अगर पुलिस ने ऐसे लोगों की तलाश की और फिर पकड़ में आए तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।