कारगिल में शहीद हुए थे पति
स्थानीय अखबार जनवाणी की रिपोर्ट के मुताबिक, इटायरा में कारगिल में शहीद हुए सतीश कुमार का घर है। जिसमें उनकी पत्नी विमेलेश बच्चे के साथ रहती थी। विमलेश का कहना है कि 2015 में उन्होंने इटायरा गांव में 30 लाख में 2 हजार वर्ग गज जमीन खरीदी थी। वो तब से यहां रह रही थी। 2022 में उनको घर की जमीन को ग्राम सभा का बताते हुए एक नोटिस आया। ये मामला फिलहाल कोर्ट में है। कोर्ट में केस होने के बावजूद प्रशासन ने उनके घर को ढहा दिया।
स्थानीय अखबार जनवाणी की रिपोर्ट के मुताबिक, इटायरा में कारगिल में शहीद हुए सतीश कुमार का घर है। जिसमें उनकी पत्नी विमेलेश बच्चे के साथ रहती थी। विमलेश का कहना है कि 2015 में उन्होंने इटायरा गांव में 30 लाख में 2 हजार वर्ग गज जमीन खरीदी थी। वो तब से यहां रह रही थी। 2022 में उनको घर की जमीन को ग्राम सभा का बताते हुए एक नोटिस आया। ये मामला फिलहाल कोर्ट में है। कोर्ट में केस होने के बावजूद प्रशासन ने उनके घर को ढहा दिया।
सरकारी जमीन तो दाखिल-खारिज कैसे हुआ?
महिला के पास बैनामे के कागज भी हैं। उनका कहना है कि अगर जमीन सरकारी थी तो बैनामे के बाद दाखिल खारिज कैसे हो गया। 2016 में तहसीलदार के आदेश पर दाखिल खारिज हुआ है। महिला का कहना है कि अगर सरकारी जमीन का बैनामा हुआ तो इस समय के तहसीलदार पर केस हो। महिला ने मकान के ध्वस्तीकरण के बदले मुआवजे की मांग की है।
महिला के पास बैनामे के कागज भी हैं। उनका कहना है कि अगर जमीन सरकारी थी तो बैनामे के बाद दाखिल खारिज कैसे हो गया। 2016 में तहसीलदार के आदेश पर दाखिल खारिज हुआ है। महिला का कहना है कि अगर सरकारी जमीन का बैनामा हुआ तो इस समय के तहसीलदार पर केस हो। महिला ने मकान के ध्वस्तीकरण के बदले मुआवजे की मांग की है।