यह भी पढ़ेंः एक के बाद एक एनकाउंटर से बदमाश पस्त, 12 घंटे में 4 एनकाउंटर, यूपी पुलिस ने एक लाख के इनामी को किया ढेर यह है पूरा मामला बताते हैं कि मेडिकल क्षेत्र के जागृति विहार सेक्टर सात में कार से कई वाहनों की टक्कर में रिक्शा चालक अख्तर घायल हो गया था। उसे मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद उसके शव के दस एक्सरे कराए गए थे। मृत्यु के बाद एक्सरे कराने की सूचना से यहां हड़कंप मच गया था। एक टेक्नीशियन ने इसकी सूचना रेडियोलॉजी विभाग के प्रभारी डा. सुभाष को दी थी। डा. सुभाष ने यह बात प्राचार्य को बतायी। प्राचार्य ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक ईएमओ, आर्थोपेडिक विभाग से जुड़े पांच जूनियर रेजीडेंट और सर्जरी विभाग के पांच लोगों से लिखित में जवाब मांगा है। यह मामला करीब तीन दिन तक दबाए रखा गया।
यह भी पढ़ेंः Video यूपी में सपा-बसपा गठबंधन का सबसे बड़ा नुकसान मुस्लिम लीडरशिप काे हुआ: इमरान मसूद हो सकती है बड़ी कार्रवाई मेडकिल कालेज के सूत्रों की मानें तो इन 11 की लापरवाही की भूमिका दिखती है तो इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है और सस्पेंशन तक हो सकता है। इस संबंध में प्राचार्य का कहना है कि इन 11 लोगों की मंशा गलत नहीं थी, लेकिन इन्हें पहले अनुमति लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर व स्टाफ मृत्यु के कारण को लेकर संदेह में था, क्योंकि आर्थोपेडिक विभाग वाले कह रहे थे कि सीने में फ्रेक्चर की वजह से उसकी मृत्यु नहीं हो सकती। सर्जरी विभाग के स्टाफ का कहना था कि फ्रेक्चर की वजह से रिक्शा चालक की मृत्यु हुई है। इसलिए इन्होंने एक्सरे करवाए।