मेरठ की जामा मस्जिद की दीवारें करीब 10 फीट मोटी हैं। मस्जिद के निर्माण में अधिकांश मिटटी और चूने का प्रयोग किया गया है। मिटटी और चूने से इसकी दीवारें बनाई गई है। दीवारों की चौड़ाई करीब दस फीट है। वहीं इन दीवारों की ऊचाई करीब 50 फीट है। इस मस्जिद में तीन गुंबद हैं। जबकि आमतौर पर मस्जिदों में एक ही गुंबद होती है।
मेरठ जामा मस्जिद के चारों तरफ दरवाजे हैं। इस दरवाजों की खासियत हैं कि यह सभी दरवाजें नुकीले हैं। बताया जाता है कि मुगल सल्तनत के दौरान हुमायूं ने सभी धार्मिक स्थलाें की रक्षा के लिए उनके मुख्य द्वारों पर लगे दरवाजे पर लोहे के नुकीली मोटी कील लगवाई थी। यह सुरक्षा के लिए थी। उस दौरान हमले आदि होने पर दरवाजे आदि तोड़ने के लिए हाथियों का प्रयोग किया जाता था। हाथी अपने मस्तक के प्रहार से दरवाजों को तोड़ देता था। इस मस्जिद को देखने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं।