यह भी पढ़ेंः Raksha Bandhan 2019: इस बड़ी बहन की मेहनत से टीम इंडिया को मिला स्टार बॉलर, जानिए पूरी कहानी मध्य कमान की डायरेक्टर की जांच पर कार्रवाई कैंट बोर्ड मेरठ के सीईओ रहे डा. डीएन यादव के कार्यकाल में 2013 में कैंट के बंगला नंबर 167, 210बी, 22 बी, ट्रंचिंग ग्राउंड में अवैध निर्माण व गड़बड़ी करने के सात मामलों में जांच की संस्तुति मध्य कमान को भेजी गई थी। यह जांच लखनऊ की मुख्य अधिशासी अधिकारी शोभा गुप्ता को इस मामले की जांच सौंपी गई। शोभा गुप्ता अब मध्य कमान की डायरेक्टर हैं। उन्होंने जांच में इस सातों मामलों को गंभीर मानते हुए अपनी जांच रिपोर्ट मध्यकमान को सौंपी थी। वहां से 29 मार्च 2019 को जांच रिपोर्ट मेरठ कैंट बोर्ड भेजी गई थी। इस पर बोर्ड बैठक में फैसला लेने का निर्णय लिया गया। बुधवार को हुई बैठक में सीईई को बोर्ड ने बर्खास्त कर दिया। उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी का कहना है कि मध्य कमान की रिपोर्ट के आधार पर सीईई अनुज सिंह को दोषी ठहराया गया है। इसी वजह से बोर्ड ने बर्खास्तगी का निर्णय लिया।
यह भी पढ़ेंः #UPDusKaDum देश को आजाद कराने में मेरठ के इन 10 क्रांतिकारियों ने दिखाया था दम, जानिए इनके बारे में सीईई रहे 68 दिन तक जेल में कैंट के बंगला 210 बी में बोर्ड की टीम द्वारा अवैध काॅम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के दौरान चार लोगों की मौत से काफी बखेड़ा हुआ था। इसके बाद सीईई अनुज सिंह को जेल जाना पड़ा था। 68 दिन जेल में रहना पड़ा था। इस दौरान बोर्ड ने उन्हें निलंबित कर दिया था। अनुज सिंह की करीब डेढ़ साल पहले बहाली हुई थी। उसके बाद बोर्ड बैठक में सीईई की बर्खास्तगी का निर्णय लिया गया। बोर्ड में बर्खास्तगी का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 1998 में कैंट बोर्ड ने भ्रष्टाचार के मामले में अपने पांच कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। बाद में इनमें से एक की बहाली हो पायी थी।