यह भी पढ़ें- CoronaVirus: सीसीएसयू में अब आंतरिक शिक्षक ही करेंगे मूल्यांकन कार्य दरअसल, कोविड-19 के चलते मेरठ कैंट इलाके में आधा दर्जन से अधिक क्षेत्र हॉटस्पाट बने हैं। कैंट बोर्ड परिषद कार्यालय के कर्मचारियों की ड्यूटी हॉट स्पाट इलाकों में भी लगी हुई है। ऐसे में छावनी के लोगों की डाक और कार्यालयों की फाइलों को एक से दूसरे हाथ तक पहुंचने में संक्रमण का खतरा रहता है। इससे निपटने के लिए सीईओ ने आटोमैटिक सिस्टम बनाने को कहा था। रोबोट अभी एक बॉक्स की शक्ल में है। इसे सेंसर और सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है। रोबोट के बॉक्स में अल्ट्रा वायलेट लाइट लगाई गई हैं। अल्ट्रावायलेट लाइट से फाइल भी चलते-चलते सैनिटाइज हो जाती है। रोबोट की प्रोग्रामिंग इस तरह से की गई है कि यह कार्यालय अधीक्षक के आफिस से फाइल को उठाकर सीईओ के कार्यालय में ले जाता है। सीईओ के पास फाइल ले जाकर वह तीन बार आवाज लगाता है। इसी के साथ बाक्स खुल जाता है। इसमें रखी फाइल को निकालने के बाद उसके सेंसर को इशारा किया जाता है तो यह फिर वापस मुड़कर अधीक्षक के कक्ष में दूसरी फाइल लेने चला जाता है।
कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हान का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कार्यालय से बाहर सैनिटाइजर मशीन और मोबाइल सैनिटाइजर मशीन लगी है। कार्यालय में फाइलें एक से दूसरे हाथ में पहुंचने के कारण संक्रमण का खतरा रहता है। इसी के चलते रोबोट बनाया गया है। रोबोट फाइल को सैनिटाइज करके लाता है।