यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन का प्रतिनिधित्व अब जींस पहनने वाली पीढ़ी की जिम्मे पश्चिम उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए क्लिक करें एेसे की थी नेहा ने तैयारी संजय विहार निवासी नेहा गुप्ता ने बताया कि वह नाॅर्मली आठ से दस घंटे पढ़ती थी। कोर्इ दिक्कत आती थी तो बड़े भार्इ-बहन उसकी मदद करते थे। एक्जाम के समय में वह 12-13 घंटे तक पढ़ी थी। नेहा ने बताया कि पिता बाहर मजदूरी करते हैं तो वह छुट्टी मिलने पर घर आते हैं। रिजल्ट आने के समय में भी वह शहर में नहीं हैं, उन्हें जब बताया तो वह भी बहुत खुश हैं। हार्इस्कूल का रिजल्ट आने के बाद नेहा के साथ उसकी मां अनिता व बड़ा भार्इ राहुल भी पहुंचे। नेहा के अध्यापक प्रीतपाल ने बताया कि वह अपने आप में रहने वाली बच्ची है। पूरे साल स्कूल में वह सिर्फ पढ़ार्इ की ही बातें करती थी। वह मदद के लिए उसके घर पर भी पढ़ाने जाते थे।
यह भी पढ़ेंः इस बड़े सपा नेता ने कहा- भाजपा की नींद उड़ी हुर्इ, प्रदेश में किसान समेत हर वर्ग परेशान यह भी पढ़ेंः UP Board Result 2018: मेरठ जनपद में टाॅपर नेहा आैर सुशांत ने इस तरह तोड़ा मिथक मजदूरी में भी पीछे नहीं हटूंगी हार्इस्कूल की जनपद टाॅपर नेहा गुप्ता की मां अनिता गुप्ता ने कहा कि नेहा ने कहा है मां बस आर्इएएस मां बनवा दो। घर के सभी लोग चाहते हैं कि नेहा आर्इएएस बने। इसलिए अगर पैसे की कमी हुर्इ तो वह भी मजदूरी करने से पीछे नहीं हटेंगी। नेहा ने कहा कि हार्इस्कूल की पहली सीढ़ी उसने पार कर ली है, उसका सपना आर्इएएस बनने का है, ताकि गरीब लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद कर सकूं।