यह भी पढ़ेंः मौसम विभाग की अगले 36 घंटे के लिए ये चेतवानी, अभी आैर पड़ेगी तेज बारिश आैर बढ़ेगी ठंड इस सदी में पहली बार पड़ रहा यह योग इस वर्ष सोमवारीय महाशिवरात्रि चार मार्च को दोपहर बाद 4.29 बजे से श्रवण नक्षत्र तथा परिघ योग व सर्वार्थसिद्धि योग में उस समय पड़ रही हैं जब चन्द्रमा मकर राशि पर होंगे और सूर्य कुम्भ राशि पर। जिसमें पाताली भद्रा प्रारम्भ का समय शाम 4.29 से प्रातः 5 बजकर 49 मिनट तक है। महानिशीथ काल रात्रि 12.08 बजे से रात्रि 12.48 बजे तक विशेष है। जिसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग को पूजित करना प्रबल शुभ ऊर्जा कारक हो सकेगा। इस प्रकार का विशेष योग इस सदी में पहली बार पड़ रहा है।
यह भी देखेंः ट्रेनों के भीतर यात्रियों की इतनी भीड़ कि पैर रखने की जगह नहीं, इसके पीछे है ये बड़ी वजह, देखें वीडियो नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए करें ऐसे पूजा
महाशिवरात्रि व्रत चार मार्च सोमवार को रात्रि पूजन का विशेष महत्व, जलाभिषेक प्रातः 6.47 बजे से अगले दिन सायं 7.00 बजे तक भी। महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा व रूद्राभिषेक लगभग सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों को दूर करके सकारात्मक प्रभावों को प्रबल करने में समर्थ होता है।
चारों प्रहर का पूजा मुहूर्त प्रथम प्रहर- शाम 6.48 से। द्वितीय प्रहर- रात 9.25 से, तृतीय प्रहर रात 12.32 से और चतुर्थ प्रहर- प्रातः 5.39 से प्रारंभ हो रहा है। इन चार प्रहर में की गई पूजा का अपना विशेष महत्व है।