मेरठ

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद भी नहीं सुधर रहे हैं बागपत जेल के हालात

प्रतिबंधित समान के लिए आज भी बदनाम है बागपत जेल

मेरठAug 19, 2018 / 04:00 pm

Iftekhar

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद भी नहीं सुधर रहे हैं बागपत जेल के हालात

बागपत. बागपत जिला जेल एक बार फिर प्रतिबंधित समान के लिए एक बार फिर सुर्खियों में है। इस जेल से एक बार फिर मोबाइल पर व्यापारियों को धमकी देने का खबर है। इस के बाद हुई चेकिंग के दौरान प्रतिबंधित समान मिलने प्रशासन एक बार फिर कठघरे में दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि जेल कुख्यात माफियों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। जहां से वे अपने गिरोह चला रहे हैं। बता दें कि बागपत जेल में एक बार फिर गड्ढे में दो मोबाइल दबे हुए मिले। दरअसल, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से अब तक यहां दर्जनों मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं।

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पूर्वांचल के कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुर्खियों में आयी बागपत जेल में आब भी प्रतिबंधित सामान जेल में पहुंचाने और मिलने का सिलसिला जारी है। हर बार चेकिंग के दौरान यहां प्रतिबंधित सामान ही नहीं, रंगदारी के लिए प्रयोग होने वाले मोबाइल मिलना आम बात हो चुकी है। बीते शुक्रवार की रात को हुई छापामारी में भी दो मोबाइल मिलने का मामला सामने आया है। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार की रात को कारागार में चेकिंग की गयी। इस दौरान दो मोबाइल मिले। हालांकि, मोबाइल में सिम नहीं था। बता दें कि यह मोबाइल बागपत जेल में माफियां चला रहे हैं, जो जेल में बैठकर अपना गिरोह संचालित करते हैं और यहीं बैठकर आस-पास के व्यापारियों से रंगदारी की मांग रहे हैं।

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मुन्ना बजरंगी की हत्या से पहले कुख्यात सुनील राठी ने इस जेल से ही दस माह पूर्व रुड़की के डॉक्टर एनडी अरोड़ा से पचास लाख रुपये की फोन पर रंगदारी मांगी थी। तत्कालीन मेरठ कमिश्नर के आदेश पर जेल में मेरठ एडीएम और एसपी बागपत ने छापामारी की थी। उस समय एक स्मार्टफोन समेत दो मोबाइल, चाकू और अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिली थी। राठी द्वारा मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई को हत्या करने के बाद से तो यह जेल काफी चर्चित हो गई। प्रशासनिक अधिकारी और जेल अफसर लगातार चेकिंग अभियान चला रहे हैं। इसके बाद भी बागपत के रहने वाले एक दिल्ली पुलिस के सिपाही को भी जेल से धमकी दी जा चुकी है। इसमें पुलिस ने मामला सही पाए जाने पर आरोपी कैदी पर मामला भी दर्ज किया है। सवाल यह है कि प्रदेश स्तर के अधिकारियों के दौरे के बाद भी आखिर जेल प्रशासन पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा है। उधर जेल अधीक्षक सुरेश बहादुर सिंह का कहना है कि जेल से कुछ नहीं मिला है। शुक्रवार को रुटीन चेकिंग की गयी थी।

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