यह भी पढ़ेंः इस भाजपा नेता ने राहुल गांधी के खिलाफ कह दी ऐसी बात, जिसकी किसी को नहीं थी कल्पना
बागपत के पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में अजित सिंह ने कार्यकर्ता के साथ बैठक की। बताया जाता है कि इस दौरान बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई। लेकिन इस बैठक में चुनिंदा कार्यकर्ताओं को ही चौधरी अजित सिंह से मिलने इजाजत दी गई। बैठक के दौरान आरएलडी के कोई भी बड़े नेता नहीं पहुंचे। माना जा रहा है कि यह बैठक अजित सिंह सीधे ही कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए कर रहे हैं, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य योजना तैयार की जा सके। यही वजह है कि बड़े नेताओं से मिलने के बजाय अजित सिंह सीधे कार्यकर्ताओं से रूबरू हो रहे हैं। दरअसल, यह बताया जा रहा है कि अजित सिंह चाहते हैं कि धरातल पर होने वाली किसी भी परेशानी को समय से पहले दूर किया जा सके। इसके लिए बैठक में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को निषेध किया गया है। बैठक के दौरान पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी इस बैठक से दूर रखा गया। हालांकि ,गेस्ट हाउस के अंदर और बाहर काफी भीड़ मौजूद रही। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि चौधरी अजित सिंह 2019 चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ेंः 2019 आम चुनाव से पहले ही महागठबंधन से कांग्रेस का मोह भंग, राहुल के इस सहयोगी ने दिया बड़ा बयान
हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश लेकर निकले अजीत सिंह के कुछ कार्यकर्ताओं की हरकत ने यहां कुछ मुस्लिम समर्थकों को नाराज कर दिया। अजीत सिंह जब बागपत के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पहुंचकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। इस दौरान मुस्लिम समाज के एक अध्यक्ष ने उनसे मिलने का प्रयास किया, लेकिन बीच रास्ते में ही आरएलडी के कुछ स्थानीय नेताओं ने उनको अंदर जाने से रोक दिया, जिससे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भड़क गए। इसके बाद काफी देर तक वहां हंगामा चलता रहा। भीड़ की आवाज सुनकर अजित सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और उनको शांत कराया, लेकिन अपने नेता के साथ हुई बदसलूकी की वजह से मुस्लिम कार्यकर्ता नाराज हो गए और आरएलडी विरोधी नारे लगाकर वहां से जाने लगे। इसके बाद अजीत सिंह ने खुद उनको मनाया, तब जाकर मुस्लिम कार्यकर्ता शांत हुए। अब देखने वाली बात यह होगी कि हिंदू-मुस्लिम एकता के नारे के साथ 2019 का चुनाव जीतने का दावा करने वाली आरएलडी हिंदू-मुस्लिम भाईचारा कहां तक स्थापित कर पाती है।