यह भी पढ़ें- यूपी में हर पांचवां व्यक्ति कोरोना संक्रमित, कब खुद ही हो गया ठीक, पता ही नहीं चला दरअसल, शास्त्रीनगर के एल-ब्लाक में रहने वाले सुनील ने बताया कि कोरोना काल में उसका काम बंद हो गया था, जिस कारण उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इसी बीच उस पर मकान मालिक का करीब साढ़े चार हजार रुपए किराया बकाया हो गया। दो दिन पहले मकान मालिक ने उससे किराए को लेकर तकादा किया, जिसके बाद वह पैसे का इंतज़ाम करने के लिए हापुड़ चला गया। इसी दौरान मकान मालिक ने उसकी पत्नी के साथ बदसलूकी करनी शुरू कर दी। इस पर सुनील ने फोन पर अपनी पत्नी से मायके चले जाने को कहा। इसके बाद जब सुनील की पत्नी अपनी दो मासूम बेटियों व एक डेढ माह के मासूम बेटे को साथ लेकर अपने मायके पुरानी तहसील जाने लगी तो मकान मालकिन ने दरवाजा बंद करते हुए बाहर से कुंडी लगा दी। साथ ही मेन गेट को यह कहते हुए बंद कर दिया कि जब तक तुम लोग किराए के पैसे नहीं दोगे घर से बाहर नहीं निकल सकते। इसके बाद पीड़ित महिला ने अपने पिता को फोन किया और सारी घटना की जानकारी दी। जिसके बाद पिता किसी तरह रात में ही अपनी बेटी के पास पहुंचे तो वहां पर मकान मालिक के बेटे ने शराब के नशे में महिला व उसके दिव्यांग पिता के साथ गाली-गलौच करते हुए बदसलूकी की।
जब बुधवार को सुनील हापुड़ से लौटा और मेडिकल पुलिस को घटना की जानकारी दी, लेकिन वहां पर कोई सुनवाई नहीं होने पर अपनी पत्नी व तीन मासूम बच्चों को लेकर शुक्रवार को जिलाधिकारी के पास मदद की गुहार लगाने पहुंचा। बताया जा रहा है कि आरोपी मकान मालिक पुलिस में है और वर्दी का रौब गालिब करते हुए पीड़ित परिवार के साथ बदसलूकी करता है। यह मामला अब जिलाधिकारी के पास पहुंचा है, देखना होगा कि प्रशासन इस पीड़ित परिवार की किस तरह से मदद करता है। इस मामले में एसपी सिटी डाॅ. एएन सिंह ने बताया कि उनके पास इस तरह की कोई तहरीर नहीं आई है।