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Kurma Jayanti 2018: घर के वास्तुदोष को खत्म करने के लिए इससे अच्छा दिन कोर्इ नहीं, यह करें

29 अप्रैल को है कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के कछुआ अवतार के रूप में मनाया जाता है यह पर्व

मेरठApr 25, 2018 / 08:05 am

sanjay sharma

मेरठ। आपके घर में यदि वास्तु दोष है, तो यह जीवनभर कोर्इ न कोर्इ तकलीफ देता रहता हैै। यह आपने महसूस किया होगा। वास्तु दोष को दूर करने के लिए लोग हमेशा प्रयत्न करते रहते हैं। इसके बावजूद कोर्इ न कोर्इ वास्तु दोष रह ही जाता है आैर उसकी वजह से परेशानी चलती रहती है। कूर्म जयंती का दिन एेसा है, जिसमें लोग अपने घर के हर वास्तु दोष को न सिर्फ खत्म कर सकते हैं, बल्कि इस दिन विधि-विधान से की गर्इ पूजा उनके घर के वास्तु दोष शुभ में बदल देती है। इतना ही नहीं कूर्म जयंती पर मकान, दुकान या अन्य कोर्इ भी निर्माण को शुरू कराना या नए घर में पूजन व प्रवेश सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि योगमाया स्तंभन शक्ति के साथ कूर्म (कछुआ) में निवास करती है। कूर्म जयंती भगवान विष्णु के कूर्म (कछुआ) अवतार लेने के दिन के रूप में मनार्इ जाती है। लाेगों के लिए यह दिन बेहद अहम माना गया है।
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29 अप्रैल को है कूर्म जयंती

वैशाख मास की पूर्णिमा को कूर्म जयंती मनार्इ जाती है। इस बार यह 29 अप्रैल दिन रविवार को मनार्इ जाएगी। ज्योतिष में इस दिन का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख व एेश्वर्य में वृद्धि होती है। भारतीय मान्यताआें के मुताबिक इसी तिथि को भगवान ने कूर्म यानि कछुए का अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण करके देवताआें आैर असुरों के बीच समुद्र मंथने में सहायता की थी, क्योंकि भगवान कूर्म की पीठ पर मंदराचल पर्वत तेजी से घूमने लगा आैर इसलिए समुद्र मंथन हो सका था।
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वास्तु दोष के लिए एेसे करें पूजा-अर्चना

कूर्म जयंती पर विष्णु के भगवान कूर्म अवतार पर कच्छप या कछुआ का विशेष महत्व है। पंडित महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि मकान या किसी अन्य रहने या काम करने वाले स्थान पर कछुआ रखना आैर उसकी पूजा करना निर्माण संबंधी सारे विकारों को दूर करता है। वास्तु दोष के लिए भगवान कूर्म की पूजा करना श्रेष्ठ है। अपने मकान में समस्त वास्तु दोष से त्रस्त हैं तो मंत्र ‘ॐ ह्रीं कूर्माय वास्तु पुरुषाय स्वाहा’ का जाप आैर भगवान कूर्म की पूजा करनी होगी। इसके लिए लाल चंदन आैर केसर कुमकुम मिलाकर साफ जगह पर कछुए की आकृति बना लें, इसके मुंह की आेर सूर्य व पिछले हिस्से की आेर चंद्रमा बना लें। इसके लिए किसी भी धातु के कछुए का पूजन भी कर सकते हैं। इसके सामने दीपक व धूप प्रज्जवलित करने के बाद समुद्र व गंगाजल अर्पित करें। भगवान कूर्म के सामने रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 माला का मंत्र जाप करें। इससे ज्यादा भी कर सकते हैं। इसके बाद जहां आप रहते हैं उसके घर के चारों आेर छोटे-छोटे कछुए के निशान बना दें। कूर्म जयंती पर एेसा करने से मकान में किसी भी तरह का वास्तु दोष खत्म हो जाएगा।
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कूर्म जयंती पर यह करने से होगा फायदा

कूर्म जयंती पर नया मकान या कुछ अन्य निर्माण करा रहे हैं तो चांदी का कछुआ डालने से घर के लाेगों की तरक्की व एेश्वर्य बढ़ता है आैर वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। बच्चों की पढ़ार्इ के लिए मिट्टी का कछुआ उनके कमरे में स्थापित करें। लोग अपने सोने के कमरे में धातु का कूर्म (कछुआ) रखकर मानसिक शांति व अच्छी नींद पा सकते हैं। कूर्म जयंती पर रसोर्इ घर में कछुए की स्थापना करें, इससे रसोर्इ घर में बनने वाली कोर्इ भी वस्तु राेगमुक्त रहेगी। इसके अलावा घर की छत पर कूर्म की स्थापना करने से शत्रुआें का नाश होता है। यदि आप किराए के मकान में रह रहे हैं, तो अपने मकान के लिए भगवान कूर्म की पूजा करेंगे तो विष्णु जी की जरूर कृपा बरसेगी। यदि कमरा, रसोर्इ, खिड़की आदि सही दिशा में नहीं है तो उन्हें तोड़ने की बजाय कछुए का निशान लाल चंदन, कुमकुम व केसर को मिलाकर बनाएं, जिसका मुंह नीचे आैर पिछला हिस्सा आकाश की आेर हो। पंडित महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि यह प्रयोग कूर्म जयंती पर शाम को करें आैर इसकी पूजा करें, तो इन स्थानों के वास्तु दोष दूर होते हैं।

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