मेरठ

Seva Bhoj Yojana : इस योजना के तहत खरीदे गए सामान पर लगी GST सरकार करेगी वापस

Seva Bhoj Yojana सामान कोई भी खरीदें। लेकिन अगर उस पर जीएसटी लगी हुई है तो वह देनी होगी। लेकिन केंद्र सरकार की एक ऐसी योजना है। जिसके तहत आप 100 रुपये लेकर लाखों और करोड़ों का भी सामान खरीदेंगे तो सरकार उस पर लगी जीएसटी वापस लौटा देगी। इस योजना का नाम है ‘सेवा भोज योजना’।

मेरठFeb 24, 2022 / 08:01 pm

Kamta Tripathi

Seva Bhoj Yojana : इस योजना के तहत खरीदेंं गए सामान पर लगी जीएसटी सरकार करेगी वापस

Seva Bhoj Yojana सरकार द्वारा लोगों के हित में तरह—तरह की योजनाएं संचालित की जाती है। जिससे कि इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकें। ऐसी ही एक योजना का नाम है ‘सेवा भोज योजना’। जिसके तहत कितने ही रुपये का सामान खरीदा जाए। उस सामान पर लगने वाली जीएसटी सरकार वापस लौटा देती है। केंद्रीय सरकार द्वारा ‘सेवा भोज योजना’ नाम की इस स्कीम की शुरूआत की है। जिसके तहत मंदिर में भंडारे से लेकर गुरुद्वारे में चलने वाले बड़े बड़े लंगर में दिए जाने वाले खाने को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर लगने वाले जीएसटी को सरकार वापस देगी। दरअसल, देश में हर दिन लाखों लोग भंडारे और लंगर में भोजन करते हैं। ऐसी कई संस्थाएं हैं जो इन भंडारों और लंगरों के जरिए लोगों के पेट भरने का काम कर रही हैं। सरकार भी ऐसी संस्थाओं की मदद करती है। सरकार की ‘सेवा भोज योजना’ से उन लोगों पर खर्चे का बोझ कम होगा जो मुफ्त में लोगों को खाना खिलाते हैं। तो चलिए आज जानते हैं

क्या है सेवा भोज योजना
देश में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू हो चुका है और ये टैक्स मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च आदि में भी लागू होता। जहां पर हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है। जीएसटी के लागू होने से जो चैरिटेबल ट्रस्ट श्रद्धालुओं को खाना खिलाते थे, उनपर काफी आर्थिक बोझ पड़ने लगा था।
ऐसे में चैरिटेबल ट्रस्ट की इन समस्याओं को देखते हुए सरकार ने ‘सेवा भोज योजना’ शुरू की है, जिसमें सरकार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लंगरों के लिए लाए गए सामग्रियों पर लगने वाले जीएसटी के पैसों को वापस कर देगी।
सेवा भोज योजना का मुख्य उद्देश्य है कि धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को बगैर किसी भेदभाव के निशुल्क भोजन,प्रसाद, लंगर या भंडारा प्रदान करने वाले परोपकारी धार्मिक संस्थानों का वित्तीय बोझ कम किया जा सके।
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ये होनी चाहिए योग्यता
किसी धार्मिक संस्थान के जरिए लोगों को भोजन कराते हैं तो इसके जरिए रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी के तहत छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इस योजना में आवेदन करने से पहले काम से का 5 वर्षों तक मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, गिरिजाघर जैसे किसी धार्मिक संस्थानो में एक महीने में कम से कम 5 हजार लोगों को निःशुल्क भोजन कराने का प्रमाण होना चाहिए।

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