यह भी पढ़ेंः CAA: मेरठ में 77 घंटे बाद इंटरनेट सेवा बहाल, शहर की स्थिति सामान्य, देखें वीडियो हापुड़ रोड से सटी जाकिर कालोनी, आशियाना कालोनी और इसके आसपास के इलाकों में करीब 500 से ज्यादा झुग्गी-झोपडिय़ां हैं। इनके अलावा मेरठ से खरखौदा के बीच जमना नगर के आसपास भी करीब 300 झुग्गी-झोपडिय़ां हैं। यहां पहले भी शासन की ओर से यहां रह रहे लोगों का सत्यापन करने के दिए थे। इनमें अधिकतर पूर्वोत्तर असम, पश्चिम बंगाल के लोग भी थे। ये लोग शहर में पॉलिथीन और कूड़ा एकत्र करने का काम करते हैं।
यह भी पढ़ेंः कोहरे के कारण पौने सात घंटे देर से पहुंची संगम एक्सप्रेस, कई ट्रेनें नहीं चली खुफिया रिपोर्ट में सामने आया है कि शुक्रवार को हापुड़ रोड पर जिस स्थान से सबसे पहले आगजनी शुरू हुई थी, वहां से झुग्गी -झोपड़ी ज्यादा दूर नहीं है। झोपडिय़ों में रहने वाले संदिग्ध लोग इस बवाल में सबसे आगे थे। ये लोग पूरी प्लानिंग के साथ हापुड़ रोड और लिसाड़ी गेट क्षेत्र में रहे। मामले की जांच में इन लोगों की पहचान के लिए उन लोगों की मदद ली जा रही है, जिन्होंने इन्हें रहने के लिए जमीन दे रखी है। इस मामले की जांच कर रहे सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कश्मीर के युवक दिखाई दिए हैं। जिनकी जांच पड़ताल चल रही है। कई स्थानों की फुटेज कब्जे में ली गई है।